कानपुर:- इंजीनियरिंग के सबसे बड़े संस्थान आईआईटी में दाखिला पाने वालों में 14 फीसदी लड़कियां होंगी। निर्धारित सीटों पर दाखिले के बाद अगर लड़कियों की संख्या 14 फीसदी पूरी नहीं होती हैं तो संस्थान उतनी सीटें क्रिएट कर सकेगा। आईआईटी काउंसिल के निर्णय के बाद यह फैसला लिया गया है। इससे आईआईटी में लड़कियों की संख्या में तो इजाफा होगा लेकिन नॉन-फीमेल छात्रों पर कोई असर नहीं होगा।
आईआईटी में दाखिला जेईई एडवांस्ड में टॉप रैंक पाने वाले छात्र-छात्राओं का होता है। जेईई एडवांस्ड की परीक्षा 20 मई को दो पालियों में होनी है। आईआईटी में तेजी से बढ़ रहे लिंग अनुपात को कंट्रोल करने के लिए आईआईटी काउंसिल ने हाल में हुई एक बैठक में बड़ा निर्णय लिया था। वर्तमान में सभी आईआईटी में सिर्फ 8 फीसदी लड़िकयां हैं। इस निर्णय के बाद लिंग अनुपात को कंट्रोल करने के लिए सुपर न्यूमरिक के तहत लड़कियों का दाखिला लिया जाना है। जेईई एडवांस्ड को इस वर्ष आईआईटी कानपुर आयोजित कर रहा है। जेईई एडवांस्ड के चेयरमैन प्रो. शलभ ने बताया कि इस वर्ष कोशिश रहेगी दाखिला पाने वालों में 14 फीसदी लड़कियां रहें। अगर लड़कियों की संख्या कम रहती है तो हर संस्थान सुपर न्यूमरिक के तहत उतनी सीटें क्रिएट करके दाखिला लेगा। इस प्रक्रिया में सामान्य लड़कों को कोई असर नहीं पड़ेगा।
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