कानपुर:- साल के पहले चंद्रग्रहण पर बुधवार जल्दी सुबह मंदिरों में दर्शन पूजन का दौर चला। सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। उधर, माघी पूर्णिमा पर भक्तों ने स्नान दान कर पुण्य कमाया। गंगा में डुबकी लगाने वालों की कमी नहीं रही।
बुधवार भोर से ही श्रृद्धालुओं की भीड़ मंदिर पहुंच गई थी। शहर के मंदिरों के कपाट खुलते ही हर-हर महादेव, जय माता दी के जयकारों से मंदिर गूंज उठे। सुबह साढ़े 8 बजे के पहले दर्शन करने के लिए भक्तों में मारामारी मची रही। चंद्रग्रहण का सूतक लगते होते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए।
माघ माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को माघी का बड़ा गंगा स्नान होता है। इस बार माघी पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण का भी मंदिरों पर असर पड़ा। परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर, जाजमऊ के सिद्धनाथ मंदिर, नवाबगंज के जागेश्वर मंदिर, नयागंज के नागेश्वर मंदिर, हटिया में बुद्धादेवी मंदिर, बिरहाना रोड में तपेश्वरी मंदिर, बारादेवी मंदिर, जंगली देवी मंदिर में सुबह भक्तों ने दर्शन कर लिए। चंद्रग्रहण के पहले सूतक लगते ही सुबह 8. 16 मिनट पर मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। घरों में बने मंदिर को भी पर्दों से ढक दिया गया। माघी पूर्णिमा पर बिठूर से लेकर, सरसैयाघाट, गोलाघाट, परमटघाट, बाबाघाट, मैस्करघाट, सिद्वनाघाट पर हर-हर गंगे के जयघोष के बीच भक्तों ने गंगा में डुबकी लगाई।
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