हमीरपुर:-सच्चा नागरिक वास्तविक देशभक्त होता है। छोटे-छोटे नियम-कानून का पालन और छोटे-छोटे प्रयास कई बार बड़े परिणाम देते हैं। चुपचाप देश और समाज की तरक्की के लिए काम करने वाले ऐसे ही लोग गणतंत्र के असली प्रहरी होते हैं। चाहे वह झारखण्ड के दशरथ मांझी रहे हों, जिन्होंने गांव से कस्बा जाने के लिए अकेले पूरा पहाड़ खोद कर रास्ता निकाल दिया या फिर हमीरपुर के बाबा कृष्णानन्द, जिन्होंने अकेले पूरा तालाब खोद डाला। इसी श्रेणी में आते हैं जैतपुर के यह उत्साही युवा। इन्होंने पहाड़ का सीना चीर कर छैमाही माता मंदिर के समीप लगभग 300 फुट की ऊंचाई पर पानी निकाल दिया। इसके साथ यह संदेश भी दे दिया कि आज का युवा अपने कर्तव्य से पीछे नहीं है। गणतंत्र के उत्सव में असल आहुति भी यही है।
ये सभी युवा 300 फुट ऊंचे जैतपुर पहाड़ पर स्थित छैमाही माता मंदिर समिति के सदस्य हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को एक लोटा पानी भी अपने साथ लाना पड़ता है। कठोर ग्रेनाइट पत्थर के इस पठारी, वीरान व उजाड़ इलाके में पूजा के लिए मंदिर आने जाने वाले लोगों को फूल तक मिल पाना मुश्किल हो जाता था। फूलों और हरियाली के लिए बरसात में कुछ पानी रुकता था तो यह युवा नीचे से पौधे लेजाकर ऊपर रगाते थे लेकिन पानी सूखने के साथ पौधे भी सूख जाते थे और इनकी पूरी मेहनत जाया जाती थी। मंदिर परिसर के आसपास कहीं भी पानी के भण्डारण के लिएकोई व्यवस्था नहीं थी।
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