कानपुर:-दिल्ली की तरह अब कानपुर में बस, कार-ऑटो, बाइक-साइकिल व पैदल चलने वालों के अलग-अलग मार्ग होंगे। केडीए भी दिल्ली विकास प्राधिकरण की तर्ज पर कानपुर में स्ट्रीट गाइडलाइंस की योजना बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए केडीए ने विश्व बैंक से जुड़े रहे उच्चाधिकारी और स्ट्रीट प्लानिंग के विशेषज्ञ ओपी अग्रवाल को आमंत्रित किया है।
केडीए उपाध्यक्ष के. विजयेंद्र पाण्डियन ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि नगर विकास विभाग के सलाहकार केशव वर्मा के निर्देश पर केडीए ने पहल कर दी है। शहर को व्यवस्थित बनाने के लिए अब अलग-अलग मार्गों और गलियों तक की प्लानिंग की जाएगी। शुरुआत में 2 मार्गों के चौराहों का चयन किया जाएगा जहां ट्रैफिक से लेकर हर बिन्दु की प्लानिंग होगी। बाद में 14 चौराहों पर उसी तरह काम किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ओपी अग्रवाल से इस संबंध में वार्ता की गई है, जिनका कहना है कि वे दो चौराहों को व्यवस्थित करके यह सिखा देंगे कि भविष्य में अन्य चौराहों पर किस तरह से काम करना होगा। केडीए की टीम उनसे सीखकर अन्य चौराहों की प्लानिंग करेगी।
दो चौराहों के बीच का मार्ग व्यवस्थित करेंगे विशेषज्ञ
केडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि फिलहाल विशेषज्ञ ओपी अग्रवाल ही तय करेंगे कि शहर के किन दो चौराहों का चुनाव पहले करेंगे। इन दोनों चौराहों के बीच में अलग-अलग तरह के वाहनों के लिए अलग मार्ग होगा। दिल्ली में कई मार्गों पर ऐसी व्यवस्था है। सब कुछ इस ढंग से होगा कि एक ट्रैक के वाहन दूसरे तरह के वाहनों के ट्रैक पर नहीं जा पाएंगे। वहीं फुटपाथ इस तरह बनाए जाएंगे कि कब्जे हो ही नहीं पाएंगे। फुटपाथों पर ही लोग पैदल भी चलेंगे और उसी में कुछ स्थानों पर स्ट्रीट हॉकर्स को भी थोड़ी जगह दी जाएगी। इससे सड़कों पर कब्जे नहीं होंगे। ऐसी प्लानिंग होगी कि कब्जा करने का कोई प्रयास भी नहीं कर सकता। चौड़े मार्गों पर भारी वाहन अलग हो जाएंगे और हल्के वाहन अलग। दिल्ली विकास प्राधिकरण की स्ट्रीट गाइडलाइंस को ही केडीए अपनाएगा। इसमें अलग-अलग चौड़ाई के मार्गों पर अलग-अलग ट्रैक की चौड़ाई दी गई है। कानपुर में जो चौराहे चुने जाएंगे उनकी चौड़ाई के हिसाब से ही योजना बनेगी। इसके लिए चौराहों की मौजूदा स्थिति में व्यापक बदलाव किया जा सकता है।
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