कानपुर देहातः- साइबेरियन तथा अन्य प्रवासी पक्षियों के लिए मशहूर रसूलाबाद की इटैली झील अब बदहाल है। झील का पानी गंदा हो चुका है। पानी निकल जाने से काफी हिस्सा दलदल भी तब्दील हो गया है। कुछ हिस्से पर लोगों ने सिंघाड़े की बेल लगा ली है। कलरव की जगह नहीं मिलने से पक्षियों की संख्या लगातार कम हो जा रही है। इलाकाई लोगों ने बताया कि इस बार यहां बहुत कम पक्षी आए।
रसूलाबाद के इटैली स्थित झील दो कारणों से दूर तक प्रसद्धि है। एक इसका वृहद क्षेत्रफल तो दूसरा यहां अठखेलियां करने को आते साइबेरियन पक्षी। झील को अवैध कब्जों से मुक्त व दुरुस्त कर इसके सुंदरीकरण की योजना पर काम हो चुका है मगर प्रशासनिक अनदेखी के चलते झील के स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं आ सका। झील पहले से भी बदतर हालत में पहुंच गई है। करीब 48 हेक्टेयर के क्षेत्रफल में फैली इस झील के बड़े भाग में मौजूदा समय में काई जमी हुई है। पूर्वी हिस्से का पानी कम हो गया है और नीचे की जमीन तक दिखने लगी है। कुछ हिस्सा तो दलदल सा नजर आ रहा है।
लोगों ने बताया कि अक्तूूबर से दिसंबर तक यहां साइबेरियन सहित कई प्रकार के विदेशी पक्षी डेरा जमाने आते हैं। पांच साल पहले लाखों रुपए सुंदरीकरण के नाम खर्च किए गए लेकिन जमीनी स्तर पर झील की हालत नहीं सुधरी। गांव निवासी बेचेलाल, छम्मीलाल, शिवपाल, रामचंद्र सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि वैसे पूरे साल विदेशी पक्षियों का आना-जाना रहता है लेकिन झील का काफी हिस्सा मछली पालन के ठेके पर उठा दिया गया। इसके साथ ही काफी हिस्से में सिंघाड़े की खेती होने लगी है। सिंघाड़े में जहरीली कीटनाशक दवाओं का प्रयोग किया जाता है जिससे पक्षियों का आना कम होता जा रहा है। ऐतिहासिक झील की तरफ शासन या प्रशासन की नजर न होने से ग्रामीणों में खासी नाराजगी है।
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