कानपुर:- बसंत यानी मधुमास। भारतीय परंपरा और संस्कृति में यह मदनोत्सव के रूप में मनाया जाता रहा है। आधुनिक समय में इसी में शामिल हो गया वैलेंटाइन डे। संयोग यह कि बसंत के बीच ही वैलेंटाइन डे पड़ता है। धीरे-धीरे इसका भी विस्तार हो गया और अब दुनिया भर में वैलेंटाइन वीक मनाया जाने लगा है।
रोज डे के साथ वैलेंटाइन वीक की शुरुआत हो चुकी है। लोगों ने अपने प्यार करने वालों को गुलाब का फूल देकर भावनाओं का इजहार किया। किसी ने मम्मी-पापा से वह कहा जो आमतौर पर नहीं कह पाते तो रोज झगड़ने वाले भाई-बहनों ने भी एक-दूसरे को गुलाब देकर भावनाएं दर्शाईं। अपने हमदम को लोगों ने लाल गुलाब दिए तो रूठों को मनाने के लिए सफेद गुलाब का सहारा लिया गया। दोस्तों ने एक-दूसरे को पीला गुलाब देकर मुहर लगाई। धन्यवाद देने के लिए पिंक गुलाब का इस्तेमाल किया गया।
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