उन्नाव:- जुआ में रुपए जीतने पर साथियों ने सदर कोतवाली क्षेत्र के जवाहरखेड़ा गांव के समीप रविवार की देर शाम युवक की पीटकर हत्या कर दी गई थी। हमलावर रुपए छीनने के बाद मौके से भाग निकले। जानकारी पर पहुंची पुलिस ने एम्बुलेंस से उसे जिला अस्पताल भेजा। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना को लेकर देर रात तक सदर कोतवाली पुलिस अंजान बनी रही।
शहर कोतवाली क्षेत्र के भवनीखेड़ा गांव में रहने वाले वीरेन्द्र रविवार की देर शाम भवनीखेड़ा चौराहे पर लगने वाली बाजार सामान खरीदने आया था। सामान घर पर रखने के बाद एक लड़के साथ जवाहरखेड़ा गांव चला आया था। भाई के ससुर के मुताबिक यहां पर उसने साथियों के साथ शराब पी और जुआ खेल रहा था। जुआ में वीरेन्द्र काफी रुपया जीत गया था। खेल के दौरान विवाद हुआ तो साथियों ने वीरेन्द्र से रुपए छीनने लगे। विरोध करने पर साथियों ने उसे लाठी से पीट-पीट कर लहूलुहान कर दिया और रुपए छीन कर भाग निकले। मारपीट से बचने के लिए खून से लथपथ होकर युवक काफी दूर तक भागा भी था। मगर कुछ दूरी पर जाने के बाद गिर गया था। इसी बीच लहूलुहान पड़े युवक को ग्रामीणों ने देखा तो परिजनों को सूचना दी।
घटनास्थल पर पहुंचे चचेरा भाई राजेश ने पुलिस व परिजनों को जानकारी दी। मौके पर पहुंची सौ नंबर पुलिस ने एम्बुलेंस को बुलाकर घायल को जिला अस्पताल भेजा। जहां इमर्जेंसी के डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। देर रात तक युवक की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। जानकारी पर देर रात जिला अस्पताल पहंुचे भाई सुनील ने शव की शिनाख्त अपने बड़े भाई वीरेन्द्र के रूप में की। भाई सुनील ने सदर कोतवाली में अज्ञात लोगों के विरुद्ध पीट कर डालने का तहरीर दी है। सदर कोतवाल अरविन्द सिंह ने बताया कि भाई ने तहरीर दी है। जांच पड़ताल चल रही है।
पत्नी अपनी बच्ची को लेकर चली गई थी मायके
चार भाई व एक बहन में वीरेन्द्र मंझला था। सबसे बड़े भाई सुरेश की कई साल पहले मौत हो चुकी है। विनोद, मृतक वीरेन्द्र, सुनील और बहन केशना हैं। मौत की खबर मिलने पर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे भाई विनोद ने बताया कि वीरेन्द्र कई काम में महारत हासिल किए था। वीरेन्द्र खटिया बीनने से लेकर टॉयल व पेंटिंग का काम करता था। मृतक अपने पीछे पत्नी सुधा व छह साल की बेटी लक्ष्मी को छोड़ गया है। वीरेन्द्र की नशेबाजी के चलते दो साल पहले पत्नी अपनी बच्ची को लेकर मायके चली गई थी। मृतक की बहन केशना व विनोद और सुनील की शादी हो चुकी है। विनोद के चार बेटिया और सुनील के दो बेटियां है।
नौ हजार रुपए लेकर आया था वीरेन्द्र
वीरेन्द्र को हिस्से में 18 विसवा जमीन मिली थी। मां का हिस्सा भी वीरेन्द्र को मिल गया था। वीरेन्द्र ने 11 विसवा जमीन रामप्रसाद के हाथों 4.95 लाख रुपए की बेच दी थी। राम प्रसाद ने 1.10 लाख रुपए देकर एग्रीमेंट करवा लिया और बाकी रुपया धीरे-धीरे दे रहा था। रविवार की सुबह राम प्रसाद ने वीरेन्द्र को नौ हजार रुपए दिए थे। परिजनों के मुताबिक बाकी रुपया अभी नहीं दिया गया है और जिसकी वजह से वीरेन्द्र ने अभी रजिस्ट्री भी नहीं की थी।
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