कानपुर:- अपने यूपी में औद्योगिक निवेश का माहौल तैयार हो चुका है। देश भर के उद्योगपतियों ने इस राज्य पर भरोसा जताया है। पहली बार ऐसा वातावरण बना है, जिसमें दक्षिण भारत के निवेशकों ने इस राज्य में बड़ी यूनिट लगाने की इच्छा जताई है। नि:संदेह इस कवायद से हमारे लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। कानपुर एक बार फिर ईस्ट का मैनचेस्टर कहलाएगा। इस शहर का गौरव बहुत जल्द फिर लौटेगा। यहां से अभी तक 2000 करोड़ से ज्यादा निवेश की राह खुल गई है। यह कहना है कि सूबे के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का।
औद्योगिक विकास मंत्री बुधवार को यहां होटल लैंडमार्क में आयोजित कानपुर रोड शो कार्यक्रम में निवेशकों को सरकार की मंशा और योजनाओं से अवगत करा रहे थे। उन्होंने कहा कि लखनऊ में होने वाले ग्लोबल इनवेस्टर समिट का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे जबकि समापन राष्ट्रपति के हाथों होगा। इससे स्पष्ट तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यूपी में निवेशकों के लिए माहौल बनाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार कितनी गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि समिट में एक ही प्लेटफॉर्म पर निवेशकों की सारी समस्याओं का निदान होगा। सभी विभागों के प्रमुख सचिवों को इसीलिए बुलाया गया है ताकि किसी विभाग से संबंधित समस्या का वह सीधे जवाब दे सकें। सतीश महाना ने कहा कि 21 व 22 को होने वाला समिट अंतिम पड़ाव नहीं बल्कि निवेश की दिशा में सरकार द्वारा बढ़ाया गया पहला कदम होगा।
इंडस्ट्रीज से नहीं होगी अवैध वसूली : औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि इंडस्ट्रीज से किसी तरह की अवैध वसूली नहीं होगी। किसी उद्योगपति से चंदा नहीं मांगा जाएगा। निवेश करने वाले उद्योगपतियों की सरकार मॉनीटरिंग करेगी। इसकी लगातार समीक्षा की जाएगी कि जिन निवेशकों ने एमओयू साइन किए हैं, उनके उद्योग लगे या नहीं। अगर नहीं लग पा रहे तो उनकी समस्याओं को लेकर संबंधित अफसरों की जवाबदेही तय होगी। सूबे में कहीं भी भूखंड पाने के लिए एक ही एप्लीकेशन पर्याप्त होगा। भ्रष्टाचार को पनपने ही नहीं दिया जाएगा। किसी की गुंडागर्दी नहीं चलेगी।
बड़े ही नहीं मझोले उद्योगों को तरजीह : सतीश महाना ने कहा कि बड़े उद्योगों को ही नहीं बल्कि मझोले और छोटे उद्योगों को भी तरजीह दी जाएगी। बड़े उद्योगों की स्थापना में ज्यादा वक्त लगता है मगर मझोले और छोटे उद्योग जल्दी लग जाते हैं। इसके जरिए बहुत जल्द रोजगार मिलने लगेंगे। उन्होंने कहा कि एक निवेशक ने 25000 एकड़ जमीन मांगी और 65 हजार करोड़ का निवेश करने की इच्छा जताई मगर उस निवेशक को हमने मना कर दिया। उतनी जमीन हम कई निवेशकों को मिलाकर दे सकते हैं जिससे औद्योगिक विकास को रफ्तार मिलेगी।
अपने राज्य में उपभोक्ता सबसे ज्यादा : औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि यूपी में निवेश इसलिए भी ज्यादा सुगम है क्योंकि हमारे यहां पानी की सर्वाधिक उपलब्धता है, फर्टिलाइजेशन के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं, सड़कों का नेटवर्क है और सबसे खास बात यह है कि उत्पादों के उपभोक्ता सबसे ज्यादा हैं। यही वजह है कि मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरू में रोड शो के दौरान उद्योगपतियों ने निवेश के कई प्रस्ताव झट मान लिए। कुछ लोगों को तो यूपी की नई औद्योगिक नीति के बारे में जानकारी ही नहीं थी। रोड शो के जरिए हुई है।
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