कानपुर:- बर्ड वॉचिंग डे के एक दिन पहले को चिड़ियाघर की मादा भालू (रानी) की हार्ट अटैक से मौत हो गई। पोस्टमार्टम में हार्ट अटैक से पुष्टि होने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। डायरेक्टर दीपक कुमार का कहना है कि यह पता लगाया जा रहा है कि मौसम सामान्य होने, खानपान बेहतर होने के बावजूद रानी को दिल का दौरा कैसे पड़ा।
इससे पहले 21 जनवरी को कैंसर से पीड़ित नर भालू (गब्बर) का निधन भी हुआ था। ऐसे में 27 नवम्बर को पैदा हुआ नन्हा भालू अपने माता-पिता की मौत के बाद पूरी तरह से अकेला हो गया है।
कानपुर चिड़ियाघर में फिलहाल पांच हिमालयन भालू और दो देसी भालू बचे हैं। इससे पहले देशी भालू गब्बर इन सभी भालुओं में सबसे नटखट और लोगों के बुलाने पर उछलकूद करने वाला था। उसको 2001 में झांसी से लाया गया था। तब से मादा भालू रानी और गब्बर की जोड़ी लोगों के आकर्षण का केन्द्र थी। निधन के बाद कब्रिस्तान में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
2010 में भदोही से लाई गई थी रानी
कानपुर चिड़ियाघर के निदेशक दीपक कुमार ने बताया कि मादा भालू रानी को 21 मार्च 2010 को भदोही से यहां लाया गया था। उस समय रानी मात्र 15 से 16 महीने की थी। उसे एक मदारी से मुक्त कराया गया था। गुरुवार सुबह अचानक उसकी मौत हो गई। डॉ. आरके सिंह, डॉ. नासिर और डॉ. यूसी श्रीवास्तव के पैनल ने पोस्टमार्टम किया तो पता चला कि हार्ट अटैक से मौत हुई थी। मौसम सामान्य होने के बावजूद हार्ट अटैक समझ में नहीं आ रहा है। पशु विशेषज्ञों को जांच के आदेश दिए गए हैं।
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