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सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

#HIV का खौफ, बेटियों की नहीं हो रही शादियां, गांव छोड़ने को मजबूर हुए लोग


उन्नाव(विपिन सिंह):- बांगरमऊ इलाके में बीते दिनों एचआईवी संक्रमण के कई मामले सामने आने के बाद लोगों में खौफ है। हालात यह है कि डर की वजह से लोगों को खुले में शौच से रोका जा रहा है। प्रेमगंज इलाके के एक गांव में, जहां एचआईवी के 38 मामले पॉजिटिव पाए गए थे, ज्यादातर घरों में शौचालय नहीं बने हैं। वहीं गांव के कुछ प्रभावशाली लोग ऐसे एचआईवी संक्रमित लोगों को खुले में शौच जाने से रोक रहे हैं।

गंगादीन (54) एचआईवी संक्रमित हैं और अपने परिवार के साथ प्रेमगंज के सुदूर बाहरी इलाके में रहने को मजबूर हैं। उनकी एकमात्र इच्छा है कि उनके घर में एक शौचालय बनवा दिया जाए जिससे वह खुद को खुले में शौच जाने से रोकने के साथ गांव के ताकतवर लोगों से टकराने से रोक पाएं।यूपी HIV का खौफ, बेटियों की नहीं हो रही शादियां, गांव छोड़ने को मजबूर हुए लोग

गंगादीन कहते हैं, 'हम खेतों की जमीन को इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें डर है कि वहां भी संक्रमण फैल जाएगा।' एक दूसरे एचआईवी संक्रमित भानु (45) कहते हैं, 'अमीर और पैसे से समर्थ लोग ही अपने घरों में शौचालय बनवा रहे हैं लेकिन हम गरीब इसे वहन नहीं कर सकते।'

बांगरमऊ में एचआईवी संक्रमण के मामले सामने आने के बाद इनमें से 49 कानपुर के ऐंटी रेट्रो वायरल थेरपी (एआरटी) सेंटर में इलाज के लिए जा चुके हैं। आरोप है कि छोलाछाप डॉक्टर राजेंद्र यादव से इलाज कराने की वजह से इन्हें एचआईवी संक्रमण हुआ जो इंजेक्शन के लिए संक्रमित सिरिंज का इस्तेमाल करता था। एड्स के डर से टूट रही हैं शादियां, शेविंग करने को भी नहीं राजी हैं सलूनवाले शौचालय सिर्फ अमीरों के लिए है क्या?'

एचआईवी संक्रमित 60 साल के परमानंद कहते हैं, 'हमारे घरों में शौचालय नहीं है। शौच के लिए या तो हमें खेतों के आस-पास या रेलवे पटरी पर जाना होता है।

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