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मंगलवार, 27 मार्च 2018

दहेज के लोभियों ने हैवानियत की हदें पार कर दी


दहेज के लोभियों ने हैवानियत की हदें पार कर पति सास और ननंद ने मिलकर ऑल आउट पि
लाकर बहू को जान से मारने की कोशिश की

बर्रा 7 राजपूत हॉस्पिटल के बगल में 1 वर्ष पूर्व विजय कुमार शर्मा (मंटू)पुत्र  रमेश चंद्र शर्मा  निवासी  LIG 294 की शादी दीक्षा भट्ट  (वर्षा)पुत्री कैलाश चंद्र शर्मा निवासी E 15  बर्रा 7 कानपुर नगर से रीत रिवाज के साथ हुई थी शादी के कुछ ही दिनों बाद पति,सास,ननद और नन्दोई ने मिलकर बहू को दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया जिस पर पीड़ित के पिता कैलाश चंद्र ने दामाद विजय से प्रताड़ित ना करने के लिए कई बार आग्रह किया लेकिन उसने कहां की मैं ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में नौकरी करता हूं मुझे कार लाने के लिए 5 लाख रूपय दो नहीं तो मैं कुछ नहीं जानता और आज सुबह उसने अपनी मां बहन और बहनोई के साथ मिलकर अपनी पत्नी को जबरदस्ती ऑल आउट पिला दिया और कमरे में बंद कर भाग गया जब दीक्षा का दम घुटने लगा तो किसी तरह उसने अपने परिवार को फोन पर सूचना दी जिस पर आनन-फानन में पहुंचे पीड़िता के पिता ने कबीर हॉस्पिटल बर्रा 2 में उपचार के लिए भर्ती कराया और फिर कुछ देर के बाद विजय शर्मा हॉस्पिटल में पहुंचकर अपनी पत्नी को मारना शुरू कर दिया और हाथ लगी निडिल निकाल कर फेक दिया जिस का विरोध पीड़िता के पिता ने किया तो उसने उनको भी पीट दिया और जैसे ही हॉस्पिटल
का स्टाफ और वहाँ पर मौजूद लोग जैसे ही कुछ समझ पाते की
विजय वहां से भाग निकला और फिर कैलाश चंद शर्मा के घर पहुंचकर उनके घर में बहू और बेटे को भद्दी भद्दी गालियां देते हुए मारपीट शुरु कर दी और जब कैलास के पुत्र अशोक शर्मा ने शोर मचाकर पड़ोसियों को मदद
के लिए पुकारा तो फिर लोगों की भीड़ इकट्ठा होते देख मौके से भागने लगा जिस पर अशोक ने बाइक से पीछा करने की कोशिश की तो उसने अपनी बाइक से अशोक की बाइक में टक्कर मार कर गिरा दिया और बाइक छोड़कर भागने लगा लेकिन पीड़ित ने 100 नंबर पर सूचना कर दी थी इस पर मौके पर फौरन 100 नंबर पुलिस पहुंच गई और उसे पकड़ कर थाने ले आए तब पीड़िता के पिता और परिवार के लोगों ने जाकर थाना बर्रा में प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई।

पीड़ित के पिता कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि अप्रैल 2017 में एक बार पहले भी दामाद विजय शर्मा ने हमारी पुत्री को 3 दिन तक भूखा रख्खा एवं मारपीट कर  तरह तरह की यातनाएं देकर घर में बंद रखा था और जब पीड़िता के परिवार को जानकारी हुई तो दीक्षा भट्ट का भाई अशोक शर्मा
बहन के घर जैसे ही जानकारी लेने पहुँचा तो विजय शर्मा ने घर के अंदर घुसते ही अशोक की गर्दन दबा कर जान से मारने का प्रयास कियात था जिसकी सूचना बर्रा पुलिस को दी गई थी और मोके पुलिस नें उचित कार्यवाही करते हुए अभियुक्त विजय शर्मा को पकड़ कर थाने ले आई थी लेकिन देर शाम कुछ रिस्तेदारों एवं अभियुक्त विजय के
पिता नें पहलीबार हुई गलती का
एहसास कर भविष्य में दुबारा गलत कदम न उठाने की बात कही जिसपर पीड़िता के पिता नें
रिश्तों का ख्याल रखते हुए थाने में आपसी समझौता कर लिया था

लेकिन कैलाश चन्द्र को क्या पता था की पहली गलती माफ करने की वजह दीक्षा की जान पर बन जाएगी।

रीपोर्टर ; सुशील निगम

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