कानपुर की सहकारी आवास समिति के सचिव के आगे बौने साबित होत हुए विभागीय अधिकारी ।
जहाँ योगी सरकार अपने कार्यकाल को एक साल बेमिसाल के रूप में मना कर भ्रष्टाचार और अपराधमुक्त होने के दावा कर रही है लेकिन क्या यह सब चीज़े हकीकत में हो रही है । आइये हम आप को बताते है एक सहकारी आवास समिति में कैसे अधिकारीयो की साठगांठ करोड़ो का घोटाला कर के सचिव चैन की सांस ले रहा है ।मामला कानपुर की सांस्कृतिक गृह निर्माण सहकारी समिति का है जिसका सचिव भगवान दास दीक्षित ने भूमाफिया के इशारे पर करोड़ो की जमीनों को औने पौने दामो में बेच डाली जब इसकी शिकायत अधिकारीयो के पास पहुची तो उन्होंने जमीनों पर क्रय विक्रय पर रोक लगा दी लेकिन सूत्रों की मुताबिक समिति सचिव ने अधिकारीयो के आदेश को दरकिनार करते हुए बैनामे करता गया ।जिसकी पुनः शिकायत की गयी और अधिकारीयो ने कठोर कार्यवाही न करते हुए एक जाँच कमेटी गठित कर दी और इस समिति में जाँच पर जाँच का कार्य जारी लेकिन कोई भी अधिकारी समिति सचिव के गिरेबान पर हाथ डालने से पहले फूंक फूंक के कदम रख रहा है अगर इस समिति के अभिलेखों को गंम्भीरता पूर्वक पढ़ा जाये तो एक आम इंसान को भी यह समझ आ जायेगा की विभागीय अधिकारियो की मेहरबानी कैसे समिति सचिव के ऊपर बरस रही है।
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