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बुधवार, 30 मई 2018

ऐसे ही WHO ने नहीं दिया कानपुर को नम्बर 1.का खिताब इसमें कानपुर सेंट्रल का भी है बहुत योगदान

रिपोर्ट:-दिग्विजय सिंह अमित कश्यप के साथ मोहित पांडेय

कानपुर:-30मई
हम बात कर रहे हिन्दुस्तान के कुछ चंद सेंट्रल रेलवे स्टेशनों में से एक कानपुर सेंट्रल की जहां चारों तरफ गंदगी ही गंदगी व्याप्त है और ये तब जब पूरे हिन्दुस्तान में स्वछता की लहर मोदी द्वारा चलाई जा रही। कहने का तात्पर्य ये है के मोदी के राज में ही रेलवे कर्मचारी रेलवे में स्वछता का ख्याल नहीं रख पा रहे। 

देश के सपूत भगत सिंह  के दीवार पर लगे चित्र के सामने ही यात्री करते है लघुशंका

रेलवे अधिकारियों ने देश की आजादी के लिये जान देने वालों की याद में स्टेशन की दीवार पर शहीद भगत सिंह का फोटो दीवार पर बनवाया था ये सोचा गया था की जब भी कोई देश का नागरिक स्टेशन से गुजरेगा तो शहीद भगत सिंह को देख कर देश के लिये किये गये उनके बलिदान को याद करेगा पर विडम्बना है के रेलवे के सफाई कर्मचारियों ने शहीद भगत सिंह को कूड़ा कचरा उठाने वाली गाड़ियों का प्रहरी व पहरेदार बना दिया। और जैसे ही किसी यात्री को मौका मिलता है वो वहां पेशाब करने से भी गुरेज नहीं करता। क्या सोचती होगी भगत सिंह की आत्मा जिस देश के लिये बलिदान दिया उसी देश के लोग मेरे चित्र का यूं अपमान करेंगे। जबकि हर महीने स्टेशन परिसर  र्में DRM .GM.CRS सभी के दो चार दौरे जरूर लगते है पर क्या इन्हें ये गंदगी दिखाई नहीं देती या ये दौरे भरी अटेची लेने के लिए लगाए जाते हैं



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