कानपुर । वैसे तो पूरा शहर अतिक्रमण से ग्रस्त है परन्तु सब से ज्यादा दिक्कत जब होती है जब क्षेत्रीय लोगो को उन तंग गलियों से अपने मरीजों को अस्पताल ले जाने की आवश्यकता पड़ती है और क्षेत्रीय पुलिस सुविधा शुल्क के चलते इस जन समस्या की ओर जानबूझ का आंख बंद कर लेती है ।हम बात कर रहे है शहर के सब से पुराने प्लास्टिक के बर्तन,इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, तथा खोया मंडी स्थित बाजारों की । यहां के दुकानदारों द्वारा किये गए अतिक्रमण के कारण से आम जनता और मरीजो को जाम से काफी मशकत उठानी पड़ती है चंद कदम दूर दो अस्पताल रवि टण्डन,ओर योगेश टण्डन दवाखाना होने के बावजूद दुकानदारो द्वारा फुटपाथ घेरकर दुकान सजाना ओर सोने पर सुहागा तब जब दुकान में कस्टमर आने पर दुकान के सामने अपनी वाहन खड़ी कर लेना ।आय दिन व्यपारियो का माल लाने और ले जाने के लिए ई-रिक्शा ,टेम्पो ,ओर ट्राली रिक्शा द्वारा जाम लगाना आम बात है । ये समस्या जब और बढ़ जाती है तब यहाँ खाद्य पूर्ति अधिकारियों का छापा पड़ता है ।
जब आम लोगो द्वारा इसका विरोध किया जाता है तो आम जनता से दुकानदार लड़ने को उतारू हो जाते है ।जब उन व्यापारियों से क्षेत्रीय पुलिस से शिकायत की बात कहो तो बड़े रौब से कहते हैं बुला लो हमारा कुछ नही होगा हमारा थाना बंधा हुआ है । होता भी वैसा ही है जब सूचना पर पुलिस आती है तब उलटा विरोध करने वाले के ऊपर पुलिस द्वारा दबाव बनाकर मामला रफादफा कर दिया जाता है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार व्यपार मंडल द्वारा शुल्क भी थाने भेज जाता है । यहां का व्यापार मंडल अपने व्यापारियों के लिए तो आम आदमी से लड़ता है लेकिन गाड़ियों की स्टैंड की व्ययस्था की लड़ाई नही लड़ता तथा व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण के लिए गन्धारी बन जाता है व्यपारियो ओर पुलिस की मिली भगत के चलते कभी भी थाना अध्यक्ष अपने क्षेत्र का राउंड भी नही करते है । परन्तु जैसे ही तय सीमा से शुविधा शुल्क क्षेत्रीय थाने नही पहुचता है तो वहां खाकी वर्दी की चहल पहल बड़ जाती है क्षेत्रीय निवासी समझ जाते है कि समय सीमा पार हो चुकी है और नज़राना अभी नही पहुँचा है ।
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