अमित कौशल ,
शहर के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले झकरकटी बस स्टैंड की*।*झकरकटी पुल के रेलवे वाशिंग लाइन साइड* की ओर की *रेलिंग* नीचे सड़क की ओर झुकती जा रही है जो कभी भी गिर सकती है और तमाम लोग एवम वाहनों को नुकसान पहुंचा सकती जो *किसी दूसरे बनारस जैसे हालात पैदा करेंगे*।
दिन भर हजारों वाहन इस पुल से फर्राटा भरते है और जाम लगने पर इसी पुल के फुटपाथ पर गाड़िया निकलते है ,पुल पर से कितने ही अधिकारी एवं राजनेता निकलते है ,सेतू निगम का कार्यालय भी पुल के अंत मे है पर इस गिराऊ रेलिंग पर कोई ध्यान नही देगा पर हादसा होने के बाद सभी अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकने जरूर आ जायँगे ।
जिम्मेदार अधिकारियो तक आवाज पहुँचानी है
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