उरई से विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट
*प्रबंधक सभा ने इस व्यवस्था को सराहा*
प्रबन्ध तंत्र ने सराहा सुधरी शिक्षा
*उरई(जालौन)*।ऐडेड माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारी अब मनमाने ढंग से नौकरी नहीं कर पाएंगे। उनको विद्यालय में समय पर आना और जाना होगा। प्रधानाचार्य सहित सभी शिक्षको/कर्मचारियों की बायोमेट्रिक मशीन से ही हाजिरी सुनिश्चित किये की व्यवस्था पर सख्ती से निगरानी रखी जाए।बायोमेट्रिक मशीन पर अँगूठा न लगाने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्य/शिक्षको को अनुपस्थित मानते हुए कार्रवाई की जाए। शिक्षकों के विद्यालय समय से न आने और समय से पहले ही चले जाने की शिकायतें हमेशा से रही है । इससे पढ़ाई प्रभावित होती है। कई शिक्षक हाजिरी लगाकर विद्यालय से निकल लेते । नतीजतन प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रबंध तंत्रों ने विद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था लागू की है। इस तरह से शासन ने यह भी संदेश दिया है कि वेतन वह देगी तो उपस्थिति भी नियमित चेक करेगी। बायोमेट्रिक उपस्थिति होने से अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों में लेट लतीफ़ आने बाले शिक्षकों और कर्मचारियों पर प्रभावी अंकुश लगेगा ।
*प्रबंधक सभा ने इस व्यवस्था को सराहा*
माध्यमिक विद्यालयों में बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने के प्रदेश सरकार के निर्णय का प्रबंधक सभा ने स्वागत किया है। प्रबंधक हितो के लिए सजग और संघर्षरत आचार्य नरेंद्र देव इंटर कॉलेज उरई के प्रबंधक *सुदामा दीक्षित ने* इस आदेश की सराहना करते हुए कहा कि बायोमेट्रिक उपस्थिति से निरंकुश शिक्षकों पर अंकुश लग सकेगा। सरकार को यह व्यवस्था काफी समय पहले ही लागू कर देनी चाहिए थी।
बुन्देलखण्ड इण्टर कॉलेज कोटराके प्रबंधक
*उमा बल्लभ शाण्डिल्य* ने कहा कि शिक्षा हित मे प्रबंधन सरकार के साथ है किंतु सरकार ने शिक्षक संघों के दवाव में प्रबंध तंत्रो को प्रभावहीन बना रखा है जिससे सवित्त माध्यमिक विद्यालयों की शिक्षा व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है।सी.सी.टी वी. कैमरे एवं बायोमेट्रिक मशीन लगाए जाने हेतु कोई धनराशि भी नही दी।फिर भी प्रबंध तंत्रो ने अपने निजी स्रोतों से ये व्यवस्थाये की।उन्होंने कहा प्रबंध तंत्रो की उपेक्षा कर या उनके हितों की अनदेखी कर बेपटरी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर नहीं लाया जा सकता।
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