*रिपोर्ट:-दिग्विजय सिंह
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रोड़ों पर आवारा जानवरो का कब्जा
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*कानपुर:-5सितम्बर बुधवार*
*शहर में आवारा कुत्तों की भी बढ़ रही हैं संख्या*
गाय बैलों सांड से ज़्यादा शहर में आवारा कुत्तों की भरमार हैं इन कुत्तों के काटने की वजह से कई लोगों की मौत भी हों चुकी हैं। इन कुत्तों ने शहर का समीकरण बिगाड़ रखा हैं रात होते ही ये आवारा कुत्ते और हिंसक हों जाते हैं और चलती हुई मोटर साइकल के पीछे दौड़कर कई लोगों को घायल कर देते हैं।
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रोड़ों पर आवारा जानवरो का कब्जा
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*कानपुर:-5सितम्बर बुधवार*
वर्तमान समय में कानपुर शहर के हालात बद से बद्दतर होते जा रहे हैं जहां देखो जिधर देखो आवारा जानवर गश्त करते मिल जायेंगे रोड़ों पर लड़ते मिल जायेंगे रोड के बीचौबीच डेरा जमाये मिल जायेंगे। इन जानवरों की वजह से शहर की रोड़ों पर दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं।जानवरों की वजह से जाम की स्थिति बनी रहती हैं और जिम्मेदार शहर में आकर खाना पूर्ति करके चले जाते हैं। हम बात कर रहे आवारा जानवरों को पकड़ने वाले विभाग की जिसकी ये नैतिक जिम्मेदारी हैं की कानपुर शहर को ऎसे आवारा जानवरों की धरपकड़ करने के लियें निरतंर अभियान चलाना चाहिये जब विभाग निरंतर अभियान नही चलायेगा तब तक़ इस समस्या से निजात नही पाई जा सकती। गत दिनों कानपुर की कई व्यस्त सड़कों जैसे:-घंटाघर से मूलगंज की रोड .एक्सप्रेस रोड .परेड .फजलगंज रोड आपकी नजर जिधर जायेगी उधर आपको कई मवेशी रोड़ों पर विचरण करते मिल जायेंगे। जो कभी कभी बहुत घातक साबित होते हैं।
*शहर में आवारा कुत्तों की भी बढ़ रही हैं संख्या*
गाय बैलों सांड से ज़्यादा शहर में आवारा कुत्तों की भरमार हैं इन कुत्तों के काटने की वजह से कई लोगों की मौत भी हों चुकी हैं। इन कुत्तों ने शहर का समीकरण बिगाड़ रखा हैं रात होते ही ये आवारा कुत्ते और हिंसक हों जाते हैं और चलती हुई मोटर साइकल के पीछे दौड़कर कई लोगों को घायल कर देते हैं।
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