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सोमवार, 10 सितंबर 2018

चौदह वर्ष से अधूरी पड़ी फोरलेन सड़क निर्माण मे बाधा बने हिन्दू व मुस्लिम धर्म स्थलो के ठेकेदार।#Public statement



बिष्णू चंसौलिया की रिपोर्ट:

कालपी ( जालौन ) चौदह वर्ष से अधूरी पड़ी फोरलेन सड़क निर्माण में बाधा बने हिन्दू व मुस्लिम धर्म स्थलों पर जिला प्रशासन के निर्देशन में हुई कार्यवाही के बाद जिला प्रशासन द्वारा क्षेत्रीय भाजपा विधायक नरेन्द्र सिंह जादौन व मन्दिर के महन्त जमुनादास जी महाराज से किये गये वादे के बाद वादा खिलाफी करने से आहत मां वनखण्डी देवी शक्तिपीठ के महन्त जमुनादास जी महाराज ने स्थानीय प्रशासन को बुलाकर स्पष्ट कहा कि मन्दिर के गर्भगृह को अभी न तोड़ने की बात के बाद भी जबरन तोड़े जाने से हिन्दू समाज आहत हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मन्दिर का गर्भगृह किसी भी सूरत में नहीं हटेगा।वह हर कुर्बानी के लिए तैयार है।अगर जरूरत पड़ी तो जेल भरो आंदोलन करेंगे।इस दौरान उपजिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, प्रभारी निरीक्षक सहित खुफिया एजेंसी भी मौजूद थीं।
     ज्ञात हो कि कालपी के नेशनल हाईवे निर्माण कार्य को पूरा कराने के लिए सूबे की सरकार द्वारा 8 सितम्बर को जिला प्रशासन के निर्देशन में किये गये विकास के वास्ते दोनों मजहबों ने खोल दिये रास्ते में सरकार का करोड़ों रूपए खर्च होने के बाद भी आज भी वही मुद्दे जीवित है।जिनको लेकर चौदह वर्ष से यह नेशनल हाईवे का मार्ग अधूरा पड़ा था। सोमवार की सुबह हिन्दू समाज का आक्रोश चरम सीमा पर था। मां वनखण्डी देवी शक्तिपीठ कालपी धाम में महन्त जमुनादास जी महाराज व विधायक प्रतिनिधि राधवेन्द्र सिंह जादौन की मौजूदगी में उपस्थित आधा सैकड़ा से अधिक लोगों की मौजूदगी में स्थानीय प्रशासन के मुखिया उपजिलाधिकारी सुनील कुमार शुक्ला पुलिस उपाधीक्षक सुबोध गौतम प्रभारी निरीक्षक सुधाकर मिश्रा व खुफिया एजेंसी की मौजूदगी में मन्दिर के महन्त जमुनादास जी महाराज ने कहा कि इस हाइवे के निर्माण को लेकर उन्होंने ही पहल शुरू की थी तथा प्रशासन को पहले दिन से विधायक नरेन्द्र सिंह जादौन व उन्होंने हर तरह का सहयोग किया। जिला प्रशासन व एनएचएआई से वार्ता के बाद जब यह तय हो गया था कि दुर्गा मन्दिर का शेष हिस्सा जो हाइवे निर्माण में बाधा डाल रहा है।उसे तोड़ दिया जाये। तथा मन्दिर की मूर्ति व गर्भगृह को तब तक न हटाया जाये जब तक दूसरा मन्दिर न बन जाये। इस बात पर जिला प्रशासन व एनएचएआई ने भी वादा कर लिया था कि ठीक है। फिर 8 सितम्बर को सुबह पौने नौ बजे दुर्गा मन्दिर से काम शुरू होता है तथा मन्दिर की दीवार व बरामदे को ध्वस्त कर दिया जाता है तथा दोपहर 12 बजे तक मलवा साफ कर दिया जाता है। उसके बाद 1000 वर्ष पुराना प्राचीन शिव मन्दिर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया जाता है। हिन्दू समाज की तरफ से कोई विरोध नहीं होता है। वही इसी दौरान तकी मस्जिद तकी मजार व खानकाह दरगाह में अतिक्रमण हटाया जाता है। कहीं भी किसी भी प्रकार का विरोध नहीं होता है। लेकिन अचानक साढ़े चार बजे के करीब पुनः सारी मशीनों को दुर्गा मन्दिर में लाकर खड़ा करके मूर्ति हटाने व मन्दिर की चोटी गिराने की जिद पर अड़ा जिला प्रशासन से हिन्दू समाज के लोगों ने बात करने की कोशिश की तो उन्हें भी भगा दिया गया तथा मूर्ति वही बनी रही तथा मन्दिर की चुटइया को जबरन तोड़ा गया।एक तरफ जिला प्रशासन एक धर्म स्थल को बचा रहा है तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन उन लोगों से वादा खिलाफी करके मन्दिर को ध्वस्त किया तथा हिन्दू समाज को अपमानित किया। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को दो टूक शब्दों में स्पष्ट कर दिया कि मन्दिर का गर्भगृह किसी भी सूरत में नहीं हटेगा। हाइवे का निर्माण इसको बचाकर किया जाये। नही तो जितने भी धर्म स्थल हाइवे निर्माण में आड़े आ रहे है। सभी को हटाया जाये। तथा समान रूप से कार्यवाही की जायेगी। तीन दिन के भीतर प्रशासन अपना निर्णय कर ले। मन्दिर के गर्भगृह के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। अगर जरूरत पड़ी तो वह जेल भरो आन्दोलन के लिए तैयार है। इस दौरान विधायक प्रतिनिधि राधवेन्द्र सिंह जादौन, अमित पाण्डेय,रामॠषि मैहरोत्रा, दिनेश चौधरी,भारत सिंह यादव,बृम्हा सिंह यादव,जगत यादव, धर्मेन्द्र सिंह राजा ढांवा,अश्वनी महाराज,राहुल मिश्रा,देवेन्द्र गुप्ता, हर्षित खन्ना, कुलदीप शर्मा, दिग्विजय सिंह,नरेश विश्नोई,सुन्नी तिवारी,पप्पू मिश्रा,मंयक श्रीवास, अवधेश तिवारी, सौरभ गुप्ता, अखिलेश तिवारी, आशीष चतुर्वेदी, सतेन्द्र सिंह, ठाकुर दास कोष्ठा,संदीप, बंकिम तिवारी, सुबोध द्विवेदी, दिलीप आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
बैठक मे उपस्थित महन्त जमुनादास महाराज व स्थानीय प्रशासन के अधिकारी ।

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