पढ़िए ये ख़ाश रिपोर्ट:
शावेज़ आलम
ये हुए हैं बड़े बदलाव 1 से 7
दिल्ली सरकार और ब्रिटिश काउंसिल ने आपसी शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. सरकार ने अंग्रेजी शिक्षा देने और स्किल डेवलपमेंट के लिए यह करार किया है. इससे पहले भी दिल्ली सरकार की ओर से कुछ ऐसे फैसले लिए गए हैं, जिनसे राजधानी की सरकारी स्कूलों की हालत सुधरने में काफी सहयोग मिला है. जानते हैं वो कौन-कौन से फैसले हैं...
ब्रिटिश काउंसिल के साथ एमओयू- दिल्ली सरकार की तरफ से उप-मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और ब्रिटिश काउंसिल की तरफ से डायरेक्टर एलेन गेमेल ओबीई ने सर्वोदय कन्या बाल विद्यालय, वेस्ट विनोद नगर में यह साइन किया.
इसके माध्यम से अब युवाओं के स्किल डेवलपमेंट और कला-संस्कृति में सहयोग को लेकर काम किया जाएगा.
टीचर्स को विदेश में ट्रेनिंग- दिल्ली की सरकारी स्कूलों में भी निजी स्कूलों की तरह पढ़ाई हो रही है. दिल्ली के एक हजार से अधिक सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और प्राचार्यों को अब तक प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर और फिनलैंड भेजा जा चुका है. वे वहां ट्रेनिंग लेकर आते हैं और दिल्ली में पढ़ाई करवाते हैं.
स्कूलों की बिल्डिंग को लेकर हुआ काम- दिल्ली के कई सरकारी स्कूलों की दीवारों का रंग-रोगन हो चुका है और इनकी बुनियादी संरचना किसी निजी स्कूल से कम नहीं है. इससे बच्चों को साफ और बड़ी जगह में पढ़ाई का मौका मिल रहा है. इसमें बच्चों के लिए जिम, ग्राउंड, स्विमिंग पूल आदि शामिल हैं.
'हैप्पीनेस करिकुलम'- दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 40 अध्यापकों और शिक्षाविदों की एक टीम ने करीब छह महीने में 'हैप्पीनेस करिकुलम' बनाया है. इस पाठ्यक्रम के अलावा, नर्सरी से लेकर कक्षा सात तक छात्रों के लिए 45 मिनट का 'हैप्पीनेस पीरियड' होगा, जिसमें योग, कथावाचन, प्रश्नोत्तरी सत्र, मूल्य शिक्षा और मानसिक कसरत शामिल हैं
बजट बढ़ाया- बता दें कि दिल्ली सरकार ने अपने पहले बजट भाषण में शिक्षा बजट दोगुना कर दिया था. बताया जा रहा है कि कुल बजट का 26 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च हो रहा है.
एलुमनी मीट- दिल्ली सरकार ने पहली बार सरकारी स्कूलों की एलुमनी मीट करवाने का फैसला किया था. अब दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में एलुमनी मीटिंग होगी. उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शक्ति नगर के सरकारी स्कूल में एलुमनी मीटिंग की औपचारिक शुरुआत की. इसमें 1961 के बाद इस स्कूल से पास हुए पूर्व विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया था.
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