अश्वनी की रिपोर्ट:
आज पूरा देश जहां दशहरा पर्व मनाने कि तैयारियों मे लगा है वही दूसरी तरफ माँ दुर्गा के भक्त विसर्जन मे लीन है सम्पूर्ण भारत वर्ष के सुरक्षा तंत्र अपने परिवारो से दूर देश के नागरिको कि सुरक्षा मे तैनात है हमे इन सुरक्षा कर्मियों को दिल से सैल्यूट करना चाहिए।
दशहरा क़ा इतिहास बताते हुए सुखद अनुभूती होती है आज के दिन भगवान राम ने रावण जैसे पराक्रमी योद्धा को नेस्तनाबूद किया था जिसे हम बुराई पर अच्छाई की जीत कहते है।
भगवान राम ने अपने पति धर्म को निभाते हुऐ अपनी पत्नी सीता की रक्षा की थी। तब से पूरे भारत वर्ष मे रावण दहन को दशहरा के रूप मे मनाया जाता है । कहते है रावण के अंत के बाद उसके लिए दिया जलाने वाला एक भी शक्स नही बचा था जबकि रावण के एक लाख पुत्र और सवा लाख नाती थे। रावण के एक कूक्रत्य ने रावण क़ा समूल वंश नष्ट कर दिया था ।
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