एपी पत्रकार के साथ पंकज केसरवानी की रिपोर्ट:
आज कानपुर मे विवेक तिवारी की हत्या को लेकर आक्रोशित सपा के कार्यकर्ताओ ने घंटाघर से नरौना चौराहा (मालरोड़) तक कैन्डिल मार्च निकाल कर भजपा सरकार योगी और मोदी जी मुर्दाबाद के नारे लगाकर प्रदर्शन किया डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ में हुई है उस घटना में विवेक तिवारी नाम के व्यक्ति की मौत हुई और बताया की जब सुबह के वक्त वह जा रहे थे गाड़ी से तो एक महिला अधिकारी के साथ वह वहां पर थे दोनों कि एक ही कंपनी में काम कर रहे थे जब एक जगह पर गाड़ी खड़ी हुई तो यूपी पुलिस के 2 सिपाही चेतक भी वहॉ पर खड़े थे उन्होंने गाड़ी को इंटरसेप्ट किया और कहा कि गाड़ी से बाहर आए उन्होंने गाड़ी से निकलने को मना कर दिया और गाड़ी को चेतक पर चढ़ाने की कोशिश की सेल्फ डिफेंस में सिपाहियों ने गोली चलाई जिसमें गोली विवेक तिवारी की सीने पर लगी और बाद में जाकर गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया जिसमें विवेक तिवारी की मौत हो गई ये घटना अपराध की श्रेणी में आता है लेकिन घटना को संज्ञान में लेते हुए पुलिस द्वारा फ़ौरन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया और दोनों सिपाहियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है और उनको बर्खास्त कर दिया गया किसी भी पुलिस अधिकारी को सेल्फ डिफेंस के तहत जान लेने का कोई अधिकार नही है जो पुलिसकर्मियों ने किया है इसी के तहत उन पर हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है पोस्टमार्टम की कार्रवाई हो गई है पोस्टमार्टम में भी इस बात की पुष्टि हुई है की गन शॉट इंजरी से विवेक की मौत हुई है पुलिस की लपरवाही के कारण विवेक तिवारी के परिवार को एक बड़ा सदमा लगा है जिसकी जिम्मेदार पुलिस है पुलिस की घोर निन्दा करते हुए आज विवेक तिवारी को इन्साफ दिलाने के लिये लोग प्रदर्शन करते नजर आए और इस कार्यवाही पर सख्त कदम उठाया जाये कि मॉग की है वही बीते दिनो डीजीपी ने कहा कि उनका सीधा संवाद पुलिस से जुड़ने का एक कारण यह भी है कि वह बताना चाहते हैं कि पुलिसकर्मी समाज की सेवा के लिए हैं ना की किसी के रक्षक या भक्षक की श्रेणी में आने के लिए है
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