Latest News

गुरुवार, 29 नवंबर 2018

अधिकारियों की घूस खोरी के चलते हुआ बड़ा हादसा   देखे पूरी खबर हमारे साथ 



खबर है तो दिखेगी जरूर
जोर किसी का चलेगा नही

*स्वास्थ्य अधिकारियों ने आनन फानन बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के बाद बच्चों की हालत में सुधार हुआ।* ।
 मीजल्स-रुबेला (एमआर) टीका लगाए जाने के बाद गुरुवार को शहर के कई स्कूलों में बच्चों की हालत बिगड़ गई। जानकारी के बाद सीएमओ ने आनन फानन बच्चों को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग चिकित्सालय में भर्ती करवाया। उपचार के बाद हालत में सुधार होने पर बच्चों को घर भेजा जा रहा है।           

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मीजल्स रुबेला (एमआर) टीकाकरण अभियान की शुरुआत प्रदेश स्तर पर की गई है। सरकारी और निजी स्कूलों में एक से पंद्रह वर्ष आयु के बच्चों का टीकाकरण कराया जा रहा है। इसके लिए जिले भर में स्वास्थ्य विभाग की टीमें स्कूलों में टीकाकरण कर रही हैं। गुरुवार सुबह कौशलपुरी स्थित सनातन धर्म बालिका इंटर कॉलेज में टीका लगाने के कुछ देर बाद कई बच्चियों को सिरदर्द के साथ हालत बिगडऩे लगी। सुपरवाइजर ने जोनल अफसर डॉ. आशीष श्रीवास्तव और क्षेत्रीय प्रभारी डॉ. अशफिया को सूचना दी।

डॉ. आशीष स्कूल पहुंचे और प्रधानाचार्या से बच्चों को अस्पताल भेजने को कहा तो उन्होंने अभिभावकों को बुलाने की बात कही। डॉ. आशीष ने विलंब न करने का आग्रह किया तो वह राजी हुईं। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव को सूचना दी और बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे। इस बीच यशोदा नगर के शारदा शिशु विद्या मंदिर और रघुनाथ प्रसाद इंटर कालेज में भी टीकाकरण के बाद बच्चों की हालत बिगडऩे लगी। इसपर बच्चों को तत्काल एंबुलेंस से बाल रोग चिकित्सालय भेजा गया। दोपहर तीन बजे तक अस्पताल में 70 बच्चे आ चुके थे।

*बाल रोग में विशेष इंतजाम*

बाल रोग चिकित्सालय में बच्चों के इलाज का विशेष इंतजाम किया गया। विभागाध्यक्ष डॉ. राव समेत सभी जूनियर रेजीडेंट डॉक्टरों ने बच्चों का इलाज शुरू किया।
 सिरदर्द की समस्या बताने वाले बच्चों को दवाएं दी गईं। कुछ को सांस लेने में दिक्कत होने पर आक्सीजन लगाई गई। करीब दों घंटे बाद बच्चों की हालत सामान्य होने पर घर भेज दिया गया। कानपुर सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ल ने कहा कि एमआर टीका लगने के बाद बच्चे घबरा गए थे। कुछ बच्चों को सिरदर्द, कुछ को सांस लेने और बेचैनी की शिकायत की थी। बच्चों को सरकारी अस्पताल और नर्सिंग होम में इलाज के लिए भेजा था। बाल रोग विभाग में इलाज के लिए 70 बच्चे पहुंचे, जिनका उपचार कराया गया है, सभी हालात सामान्य बताई जा रही है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें


Created By :- KT Vision