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रविवार, 4 नवंबर 2018

दलित मजदूर के अपहरण की बात निकली झूठी, रात में कोतवाली पहुंचा युवक



*जालौन कोंच कोतवाली के ग्राम चमरसेना की रहने वाली एक दलित महिला ने 2 दिन पहले अपने पुत्र के अपहरण किये जाने की सूचना पुलिस को दी थी कि गांव के कुछ लोगों ने उसके पुत्र को अगवा कर लिया और उसे बंधक बनाकर उससे जबरन मजदूरी करा रहे है, लेकिन महिला की यह बात निराधार निकली और मां के द्वारा लगाये गये आरोप पर उसका पुत्र रात में कोतवाली पहुंचा जहां उसने मां के द्वारा लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद बताया साथ ही गांव के कुछ दबंगों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है जिसकी शिकायत रात में उसने कोतवाली में एसएसआई दिलीप वर्मा को प्रार्थना पत्र देकर की। इस आरोप के बाद पुलिस ने लड़के की मां और परिजनों को बुलाकर मामले की जांच शुरू कर दी।
बता दे कि ग्राम चमरसेना की रहने वाली दलित महिला संतोषी देवी ने 2 नवंबर को कोतवाली में शिकायत की थी कि गांव के कुछ लोगों ने उसके पुत्र राजेश को अगवा कर लिया साथ ही उसको बंधक बनाकर जबरन मजदूरी करा रहे है। इस मामले के आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी। लेकिन अपनी मां संतोषी देवी द्वारा की गई इस शिकायत की सूचना राजेश को मिली तो वह देर रात कोंच कोतवाली पहुंचा और अपनी मां द्वारा लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद बताया साथ ही उसने कोंच कोतवाली के एसएसआई दिलीप वर्मा को एक प्रार्थना पत्र देते हुये बताया कि वह अपनी मर्जी से काम पर गया हुआ था। उसने प्रार्थना पत्र देते हुये बताया कि 31 अक्टूबर को वह अवधेश नायक के यहां खेती किसानी का काम कर रहा था उसी दिन उनके खेत की नपाई भी केव जा रही थी। खेत की नपाई के दौरान गांव के प्रमोद मिश्रा, भज्जू मिश्रा और मईया महाराज ने उसके साथ मारपीट की थी और उसे गांव छोड़ने की भी धमकी दी थी जब उसने उनकी बात नहीं मानी तो उन्होंने घरवालों पर अवधेश के खिलाफ अपरहरण का झूठा मुकद्दमा दर्ज कराने के लिये दबाव बनाया जिस पर उसकी मां ने यह झूठी शिकायत की। उसने बताया कि 31 अक्टूबर को जब उसके साथ मारपीट की गई तो इसकी शिकायत के लिये वह कोतवाली पहुंचा था जहां उसने प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन कोतवाल का तबादला हो जाने पर उसकी सुनवाई नहीं हो सकी बाद में वह एसपी आफिस गया था लेकिन वहां पर एसपी साहब जालौन हत्या के मामले में गये थे तो वहां भी उसकी सुनवाई नहीं हुयी। उसने बताया कि वह अपनी मर्जी से अवधेश नायक के यहां काम कर रहा था। उसकी मां संतोषी देवी ने दवाब में यह प्रार्थना पत्र दिया है जिससे वह प्रमोद मिश्रा, भज्जू मिश्रा और मईया महाराज के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज नहीं करा सके। उसकी इस प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने रात में ही राजेश की मां और उसके परिजनों को कोतवाली बुला लिया था और राजेश को उसके सुपुर्द कर दिया। वही जब राजेश की मां संतोषी देवी से अपहरण की शिकायत के बारे पूंछा तो उसने बताया कि वह नहीं जानती कि अपहरण क्या होता है उसे तो अपना पुत्र मिल गया और वह किसी झगड़े में नहीं पड़ना चाहती है, उसे तो प्रार्थना पत्र देने में लिये बोला था।

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