विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट।
पिरौना (जालौन) एट थाना क्षेत्र के ग्राम पिरौना से आठ किलोमीटर दूरी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला मरीज को देखने के लिए नर्स रखी हुई हैं डॉक्टर नहीं यहां नर्स वसूलती हैं पैसे पिण्डारी कस्बे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। अस्पताल में लाली देवी नाम की नर्स है बताया जा रहा है कि नर्स मरीजों से डिलेवरी करवाने के लिए पैसों की मांग करती हैं और कहती हैं कि हम अपनी मेहनत और इंजेक्शन और दवाईयों के पैसे लेते हैं इसलिए पांच सौ रुपए या एक हजार रुपए लेते हैं इसके बारे में डांक्टर को भी मालूम है और अगर तुमको अलग से कभी काम पड़े तो हम अस्पताल में ही बने अपने क्वार्टर में मरीजों को अलग से देखते है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को वह घर पर ही देखने की बात कहती है। एक मरीज ने नर्स को रुपये न दिए तो नर्स कह रही है कि इसकी डिलेवरी यहां नहीं होगी किसी भी गर्भवती महिला को देखने के वह 100 रुपये लेती है और अगर डिलीवरी करानी है तो एक हज़ार रुपये लगेंगे एक हज़ार रुपये ज्यादा होने पर वह कहती है कि इतने रुपये आजकल ज्यादा नहीं होते हैं। इतने तो लगते ही हैं बहीद खांन और रघुनाथ अहिरबार चमारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित जननी सुरक्षा योजना में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए जिले के विभिन्न प्रसव केंद्रों पर महिलाओं को नि:शुल्क प्रसव की व्यवस्था है।तो वह कहती हैं कि उरई अपनी डिलेवरी करवाने की बात कहती है कि ये नर्स इतनी दबंग है कि शिकायत करने पर लोगों को धमकी दिलवाती है। स्थानीय नेताओं से इसके संपर्क हैं। इसका वह फायदा उठाती है अस्पताल में फ्री होती है डिलीवरी लेकिन नर्स मरीजों से इतने रुपये वसूलती है, जबकि वहींं अस्पताल में महिलाओं की फ्री डिलीवरी कराई जाती है इसके बाद भी अस्पतालों की नर्स गरीबों से इस तरह से जबरन रुपये वसूल करती हैं और जो सरकारी रूपये मिलते हैं वह भी नहीं मिलते क्योंकि आशा और नर्स पैसे की मांग करती है और पैसे भी लेती हैं लेकिन खाते में डिलेवरी के पश्चात आज एक बर्ष बीत गया और खातों में धनराशि नहीं आयी
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