विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट
एसडीएम ने निरीक्षण करके जिम्मेदारो को तलब किया
उरई (जालौन) उप जिलाधिकारी सुनील कुमार शुक्ला द्वारा इमिलिया गौशाला मे कराये जा रहे । आकस्मिक निरीक्षण कर निर्माण कार्योँ की गुणवत्ता की जांच की।कार्यदायी संस्था के इंजीनियर न मिलने पर एसडीएम ने नाराजगी प्रकट करते हुये स्टीमेट प्रस्तुत करने का फरमान जारी कर दिया।
उल्लेखनीय हो कि गाय तथा गौवंशों को संरक्षण देने के लिये गौसदन इमिलिया बनी हुई है।गौसदन के पास सौ बीघा से अधिक खेती का स्वामित्व है। लेकिन गौसदन को लेकर समाज मे उंगलियां उठती रही है।हाल ही मे प्रदेश सरकार के द्वारा गौशाला के भवन निर्माण के लिये एक कऱोड़ 29 लाख रुपये आवंटित कराए गए है। पैक्स पैड लखनऊ नामक कार्यदायी संस्था के द्वारा भवन निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को परखने के लिए उपजिलाधिकारी ने गौशाला के कार्य स्थल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यदाई संस्था के इंजीनियर गायब मिले। मौके पर स्टीमेट तथा मानचित्र की प्रतियां मौजूद नहीं थी। इसको लेकर एसडीएम का पारा गरम हो गया। उन्होंने काम कर रहे हैं कर्मचारियों को निर्देश दिया कि स्टीमेट तथा मानचित्र की प्रतियों के साथ संम्बंधित इंजीनियरों को भेज कर वास्तविक स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराई जाये।उन्होंने चेतावनी स्वरूप कहा कि गौशाला में किसी भी सूरत में गुणवत्ता विहीन कार्य नहीं होना चाहिये। कालपी जालौन इमलिया जंगलों के बीच में स्थित गौशाला के निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी कालपी को परिसर में गायो तथा बछड़ों की मौजूदगी नहीं मिली। इसको लेकर वह काफी नाराज दिखाई दिये। एसडीएम ने गौशाला प्रबंधक को हिदायत दी है कि गौशाला के स्वामित्व में कुल खेती योग्य जमीन कितनी है। भूमि मे प्रतिवर्ष वर्ष फसल की आमदनी कितनी होती है। तथा व्यय कितना है ।समस्त अभिलेखों के साथ उप जिलाधिकारी ने मैनेजर को तलब किया है। उपजिलाधिकारी के फरमान से प्रबंधक तथा कर्मचारियों मैं बेचैनी फैल गई है अगर वास्तविकता उजागर हो जाए तो कई मामले प्रकाश में आ सकते ।
फोटो - गौशाला इमलिया के निर्माण कार्यों की जांच करते एसडीएम
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