शावेज़ आलम की रिपोर्ट
जब हम एक शहर से दूसरे शहर को जाते हैं, तो आपने अक्सर यह चीज देखी होगी कि सड़के के किनारे कुछ पत्थर गड़े होते हैं। इन पत्थरों पर शहर का नाम और दूरी लिखी रहती है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि यह पत्थर अलग-अलग रंग के होते है।
क्या कभी आपने गौर किया कि ऐसा क्यों होता है, आइए जानते हैं।यह हम सभी लोग जाने हैं कि भारत देश में सड़कों के निर्माण की जानकारी अलग-अलग अथॉरिटी के पास होती है। नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया-यह विभाग मूल रूप से केंद्र सरकार द्वारा निंयंत्रित होता है इसका संचालन मिनिस्ट्री ऑफ ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे करता है। जब आप एक शहर से दूसरे शहर प्रस्थान कर रहे होते है तो सड़क के किनारे आपको पीले और सफेद रंग का पत्थर दिखाई दे तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि या राष्ट्रीय राजमार्ग है इस तरह के सड़कों को बनाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। अगर यह रोड आपको खराब नजर आये तो इसके लिए पूर्ण रूप से केंद्र सरकार जिम्मेदार है।
स्टेट हाइवे- जिन सड़कों को बनाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार करती है उसे स्टेट हाइवे कहते हैं। इसका नियंत्रण पूरा नियंत्रण राज्य सरकार के पास होता है। सड़के के किनारे यदि आपको सफेद और हरे रंग के पत्थर दिखाई दें तो इसका अर्थ यह है कि जिस सड़का का इस्तेमाल कर रहे है वह स्टेट हाइवे है इस सड़के के खराब होने की दशा में इसकी जिम्मेदारी उस राज्य सरकार की होती है जिस राज्य में वह सड़क है।
डिस्ट्रिक सिटी रोड- रोड के किनारे यदि आपको काले और सफेद रंग के पत्थर दिखाई पड़े तो आप समझ जाये कि यह डिस्ट्रिक सिटी रोड है। जिसका निर्माण उस शहर के निकाय द्वारा किया जाता है।
ग्रामीण रोड (PMGSY)- यदि आपको जाते हुए किसी सड़क के किनारे कोई पत्थर लगा दिखाई दे जिसका ऊपर का हिस्सा लाल और नीचे का सफेद हो तो आप यह समझ लेना चाहिए जिस सड़क पर आप चल रहे है यह प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क है इस सड़के के खराब होने पर इसकी जिम्मेदारी ग्रामीण विकास मंत्रालय की होती है।
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