शावेज़ आलम की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जनपद के स्याना में गोकशी की अफवाह पर माहौल खराब करने वाले दंगाइयों से भिड़ते हुए और उनको काबू में करने की कोशिश करते हुए पुलिस इंसेक्टर सुबोध कुमार राठौड़ शहीद होगए हैं
सुबोध कुमार एक बहादुर ऑफिसर के रूप में जानें गए हैं,जिस समय बिसहड़ा में अख़लाक़ की गोरक्षकों द्वारा की गई हत्या के मुकदमे में जांच अधिकारी रहें है अखलाक हत्याकांड की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दादरी में हुए इस हत्याकांड ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं
बुलंदशहर में तैनात जैथरा तरिगवां के इंस्पेक्टर दबिश देते समय शहीद हो गए। इंस्पेक्टर के शहीद होने की जानकारी मिलते ही परिजनों के साथ गांव में कोहराम मच गया। शहीद के परिजन बुलंदशहर रवाना हो गए। पिता की मौत के बाद इंस्पेक्टर को पुलिस विभाग में तैनाती मिली थी
पिता की मौत से उनके दोनों बेटे बेहद दुखी और नाराज हैं। उनका कहना है कि जिस पिता ने उन्हें ऐसा इंसान बनने की सलाह दी जो धर्म के नाम पर न लड़े, उस पिता की हिंदू-मुस्लिम लड़ाई में ही मौत हो गई।
आज सुबह पुलिस लाइन में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को श्रद्धांजलि दी गई। इंस्पेक्टर के बेटे अभिषेक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, मेरे पिता चाहते थे कि मैं एक अच्छा नागरिक बनूं जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा नहीं फैलाता। आज मेरे पिता ने हिंदू-मुस्लिम के नाम पर अपनी जान गंवा दी अब कल किसके पिता अपनी जान गंवाएंगे?
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