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बुधवार, 5 दिसंबर 2018

बुलन्दशहर मे हुए बवाल मे शक्त सजा मिले सभी आरोपियों को(जमीअत उलमा)#public statement



शावेज़ आलम की रिपोर्ट

कानपुर :- बुलन्दशहर के स्याना चौकी में हुए भयानक बवाल और माब लिंचिंग के द्वारा इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के कत्ल पर बेहद अफसोस का इज़हार करते हुए जमीअत उलमा के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी काज़ी ए शहर कानपुर ने रजबी रोड में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आज इंस्पेक्टर का कत्ल हुआ है। अगर नफरत की इस मुहिम को फौरन रोका ना गया तो भविष्य में आला अधिकारी और माननीय मंत्री लोग भी इसका शिकार बनने से बच नहीं पायेंगे। मौलाना ने हुकूमत से मांग की कि बुलन्दशहर में जो मामला हुआ उसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा दिलाकर जनता को यह पैग़ाम दे कि जो भी शांति भंग करेगा या क़ानून अपने हाथ में लेगा उसका अंजाम बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्यारा देश भारत विश्व के सर्वाधिक शांतिप्रय देशों की श्रेणी में आता है, साम्प्रदायिक सौहार्द और विभिन्नता में एकता यहां की पहचान है, हम सभी ने बहुत सी कुर्बानियां देकर इसको अपने खून से सींचा है, लेकिन जिस तरह से हाल के वर्षां में बुलन्दशहर के अलावा और भी विभिन्न शहरों में असामाजिक तत्वों ने लोगों के दिलों में प्लानिंग के साथ नफरत का ज़हर घोलकर यहां के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने का प्रयास किया है उसकी जितनी निन्दा की जाये कम है। यहां के आपसी एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द को क़ायम रखना यहां के सरकारों की ज़िम्मेदारी है। मौलाना ने ताज़ा मामले बुलन्दशहर में पुलिस चौकी में हुए जानलेवा हमले पर कहा कि अगर रक्षक ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो जनता की जान, माल, इज्ज़त, आबरू की हिफाज़त कौन करेगा, न्याय कौन दिलायेगा। अगर साम्प्रदायिकता , भीड़ हिंसा और कत्ल का यह संक्रमण इसी तरह बढ़ता रहा और दोषियों को कानून की गिरफ्त में ना लिया गया तो आने वाले वक्त में कोई भी नहीं बचेगा, सत्ता और सरकारें तो अस्थायी हैं लेकिन इसको हासिल करने के लिए यहां के लोगों को विभाजित ना किया जाये, इनके दिलों में नफरत ना भरी जाये और अगर इस पर फौरन नियंत्रण ना लगाया गया तो वह दिन दूर नहीं जब पूरा देश अफरा तफरी का शिकारकार होगा।
मौलाना ने कहा कि इस समय बहुत तेज़ी से सरकारों विशेषकर प्रशासन से लोगों का भरोसा उठ रहा है। इसलिये बुलन्दशहर के साथ जहां जहां भी असामाजिक तत्वों बल्कि बदमाशों ने धर्म का चोला पहन कर नफरत फैलाने और भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने का काम किया है उनकी जांच करवाकर सख्त सज़ा दिलाकर लोगो के ऐतबार को बहाल किया जाये। इसमें सरकारें अपना और पराया ना करें , कानून के रक्षकों पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव ना बनायें बल्कि उन्हें अपना काम पूरी ईमानदारी से करने दें और न्याय की अपेक्षाओं को पूरा करते हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के तमाम क़ातिलों और पुलिस पर आक्रमण करने और आग लगाने वाले अराजक तत्वों पर सख्त धारायें लगायी जायें। 
मौलाना उसामा ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के परिजनों से शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अगर उनका कत्ल दादरी केस के कारण योजनाबद्ध तरीक़े से हुआ है तो मामला और भी संगीन हो जाता है और यह अपेक्षा करता है कि पूरी ईमानदारी के साथ इंक्वायरी करके कातिलों और योजना बनाने वालों की पहचान करके उन पर क़ानूनी कार्यवाही की जाये।

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