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रविवार, 16 दिसंबर 2018

निर्भया की छठी बरसी :अपराधी आज भी जिंदा।#public statement




 पंकज गोविंद की रिपोर्ट।

आज 16 दिसंबर 2012 की भयानक रात जब असहाय निर्भया के साथ दरिंदो ने दिल्ली में चलती बस में बबर्रता से गैंगरेप को अंजाम दिया इस घटना ने सारे देश को हिला कर रख दिया। 13 दिनों तक मौत से लड़ने के बाद निर्भया ने हमेशा के लिए आंखे मूंद ली थीं। फिर शुरू हुए निर्भया को इंसाफ दिलवाने के देश भर में आंदोलन लाखों की संख्या में लोग सड़को पर उत्तर आए लड़कियों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून की मांग उठने लगी। देशव्यापी प्रदर्शनो और लोगो के गुस्से को देखते हुए सरकार कड़ा कानून बनाने को मजबूर हो गई। अदालत द्वारा इस मामले में चारो आरोपियों को फांसी की सज़ा सुनाई गई अदालत ने कहा कि पीड़िता ने मरने से पहले जो बयान दिया, वह बेहद अहम और पुख्ता साक्ष्य हैं। जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि ये मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने कहा था कि अत्यंत बर्बरता की गई और दरिंदगी की सारी हदें पार की गईं। गैंग रेप के बाद चलती बस से उसे नीचे फेंक दिया गया। उसके दोस्त को भी नीचे फेंका गया। जाड़े की रात में उनके शरीर पर कपड़े तक नहीं थे। उन्हें मरने के लिए नीचे फेंका गया। साथ ही उनके शरीर पर बस चढाने की कोशिश की गई, ताकि कोई सबूत न बचे। हवस का शिकार बनाया गया और उसे मनोरंजन का साधन समझा गया। आज निर्भया हत्याकांड की छठी बरसी हैं सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों को पिछले साल 5 मई को फांसी की सजा सुनाई थी जिसके बाद तीन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी। इसे खारिज किया जा चुका है। निर्भया के माँ बाप आज भी इन्साफ के इंतज़ार में हैं। निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर कब लटकाया जाएगा यह सवाल अभी कायम है। निर्भया के पिता का कहना है कि रिव्यू पिटिशन खारिज होने के बाद अभी तक क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल नहीं किया गया है और न ही दया याचिका दाखिल की गई है। ऐसे में वे इस तथ्य को लेकर अंधेरे में हैं कि आखिर निर्भया के गुनहगारों को फांसी पर कब लटकाया जाएगा। निर्भया की मां आशा देवी का कहना है कि निर्भया के अपराधी आज भी जिंदा हैं और यह कानून व्यवस्था की हार है। कानूनी जानकारों का कहना है मामला अभी कानूनी दावपेंच में उलझा हुआ है। दूसरी ओर निर्भया के माता पिता का कहना है कि इन कारणों से वह अभी तक अंधेरे में हैं कि आखिर इंसाफ कब मिलेगा।

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