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शुक्रवार, 25 जनवरी 2019

घटिया काम कर सरकार को बदनाम करने में जुटे ठेकेदार व अधिकारी।#public statement


(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट)25/01/19 उरई जालौन। उत्तर प्रदेश में भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन पिछली सरकारों में सड़क निर्माण में लूट खसोट कर सरकार के पैसों को हड़प करने वालें चोरों की मानसिकता में कोई परिवर्तन नहीं आया और वह अपने व्यक्तिगत आर्थिक लाभ के लिए आम जन की परेशानी तथा सरकार की बदनामी का कारण बने हुए हैं ।
ज्ञात हो कि पिछले 2 वर्ष पूर्व माधौगढ़ से जगम्मनपुर जुहीखा घाट तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बीस किमी लम्बी सड़क का निर्माण किया गया । सड़क निर्माण के समय ठेकेदार ने रास्ते को पूर्णता ठप्प करके खेतों से आवागमन का अस्थाई रास्ता बनाया था। इसका उद्देश्य भले ही यह होता हो की सड़क निर्माण निर्विघ्न हो , लेकिन इस सड़क का निर्माण करने वाले ठेकेदार की मंशा निश्चित ही अपवित्र रही और उन्होंने चाहा होगा मेरे द्वारा किए जा रहे घटिया निर्माण को कोई न देख सके । हालांकि खराब मटेरियल एवं मानक विहीन सड़क निर्माण की आवाज समय-समय पर उठाई गई लेकिन भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अधिकारियों के कान पर जू नहीं रेंगी परिणाम स्वरूप काली- काली सड़क बन कर तैयार हो गई और बनते ही जगह-जगह उखड़ गई । स्थानीय जागरूक लोगों द्वारा नवनिर्मित सड़क उखड़ जाने पर चिल्ल पों की गई , समाचार पत्रों में छापा गया तब ठेकेदार ने जगह जगह सडक पर पैबन्द लगा अपने पाप को ढकने का प्रयास किया लेकिन एक बार दो बार सड़क पर पैबंद लगाने से क्या होता है जब सड़क उखड़ने का सिलसिला तो बनने से लेकर आज तक चालू है। पांच वर्ष की गारंटी वाली प्रधानमंत्री सड़क पर जगम्मनपुर से माधौगढ़ तक पहुंच पाना अत्यंत कष्टदायक यात्रा होती है । खराब सड़क के कारण वाहन दुर्घटनाग्रस्त तथा राहगीर चुटहाल होते रहते हैं । 
उक्त संदर्भ में कई बार संबंधित अधिकारियों से संपर्क करके शिकायत दर्ज कराई गई एवं सड़क ठीक कराने का आग्रह भी किया जाता रहा है शिकायत किए जाते समय अधिशासी अभियंता ,अवर अभियंता नाटक करते हुए तत्काल फोन लगा कर सड़क ठीक कराने का ठेकेदार को आदेश देते हैं तथा ठीक ना कराने पर आवश्यक कार्यवाही करने की चेतावनी भी देते हैं। लेकिन होता कुछ भी नहीं है जिससे प्रतीत होता है कि अधिकारियों एवं ठेकेदारों की मिलीभगत है और इसका परिणाम रामपुरा जगम्मनपुर क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
*पांच साल की गारंटी का परिणाम*
 इस सड़क को ठीक रखने की जिम्मेदारी निर्माण से 5 वर्ष की अवधि तक ठेकेदार की होती है और शिकायत किए जाने पर ठेकेदार तथा संबंधित अधिकारी बहुत जिम्मेदारी से कहते हैं आपको क्या करना है 5 वर्ष की गारंटी है । क्षेत्रीय ग्रामीण लोग यह जानना चाहते हैं की क्या लोनिवि की यह गारंटी है कि हम लोगों को 5 वर्ष तक खराब सडक चलने घायल होने तथा अपने वाहन तुडवाने के इस संकट को झेलना पड़ेगा।
*सरकार की छीछालेदर*
 खराब सड़क पर चलते परेशान क्षेत्रवासी भाजपा सरकार को कोसते हुए कहते हैं की सांसद ,विधायक अथवा पार्टी पदाधिकारियों का सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है । वह पहले से अधिक भ्रष्ट एवं निरंकुश हो गए हैं । इसी का परिणाम है कि नवनिर्मित सड़कें उखड़ रही हैं । विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है ।भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता स्वयं परेशान एवं अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं । लोगों का मानना है कि विधायक सांसद एवं भाजपा के पदाधिकारियों की इस आत्ममुग्धता एवं लापरवाही का परिणाम आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ सकता है ।

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