(ऑटोमेटिक लाइट लगेगी, 24 घंटे में बदलेगी रोशनी, घड़ी होगी ठीक, अगले दो माह में इमारत का काम होगा पूरा)
कानपुर 29 जनवरी 2019 (महेश प्रताप सिंह). शहर की पहचान व शान घंटाघर को अब लोग रोजाना रंग बदलते देखेंगे। बदलते हुए रंग से न सिर्फ दिन की पहचान होगी बल्कि हर घंटे समय की आवाज भी कानों में सुनाई देगी। घंटाघर को नया स्वरूप देने के लिए नगर निगम ने पूरी तैयारी कर ली है।
आजादी का इतिहास समेटे घंटाघर की इमारत को नगर निगम नए कलेवर में बदलने जा रहा है। मंडलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने घंटाघर की इमारत का रंगरोगन और अलग पहचान देने के लिए 14वें वित्त आयोग से 25 लाख रुपये की स्वीकृति दी है। बाहर से आने वाले यात्रियों को घंटाघर की पहचान अलग दिखे, इसके लिए निगम ने घंटाघर की इमारत का रंगरोगन और मरम्मत कराना शुरू करा दिया है। वहीं शहर की बेहतरीन तस्वीर देने के लिए ऑटोमेटिक लाइट लगाने की व्यवस्था की गई है।
घंटाघर का काम देख रहे अधिशासी अभियंता रमेश श्रीवास्तव ने बताया कि ये ऑटोमैटिक लाइट हर चौबीस घंटे में रंग बदलेंगी। इससे उसी रंग में घंटाघर दिखाई देगा। साथ ही घड़ी को भी ठीक किया जायेगा। यह हर घंटे बजकर क्षेत्र में समय बताएगा। इसके अलावा इमारत के आस-पास से अतिक्रमण हटाया जायेगा। साथ ही इंटरलाकिंग टाइल्स भी लगाए जायेगी। अगले दो माह में सारा काम हो जायेगा। ऑटोमेटिक लाइट लगने से हर दिन घंटाघर अलग रंग में होगा। लाइटों में सफेद, गुलाबी, हरा, लाल, नीला, पीला, आसमानी रंग दिन के अनुसार तय हो रहे है।
किस दिन कौन सा रंग रहेगा, यह तय होना बाकी है। घंटाघर का इतिहास 1932 में कलक्टरगंज चौराहा के पास घंटाघर की इमारत का निर्माण हुआ था। इसके निर्माण में जार्ज टी बुम का योगदान रहा। निर्माण में लगभग एक लाख रुपये का खर्च आया था। इमारत में समय बताने के लिए घड़ी भी लगाई गई।
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