विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज) 27/01/19 ऐतिहासिक इमारतों को दैवीय आपदाओं से बचाने के हों पुख्ता इन्तजाम
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कालपी जालौन।ऐतिहासिक एवं धार्मिक नगर कालपी मे लंका मीनार पर पिछले दिनों आकाशीय बिजली गिर गई जिसके चलते १५० वर्ष पुरानी मीनार क्षति ग्रस्त हो गई गनींत रही कि मीनार के बाहरी हिस्से मे बिजली गिरी। अन्यथा उत्तर भारत की पहचान देश और दुनियां की अनोखी निशानी जमीजोद हो जाती ! इसी तरह के कई और पौराणिक स्थान है नगर मे जो स्थापत्य कला के बेजोड नमूने है जिनको भी संरक्षण न मिलने के चलते अपने अस्तित्व को बचाने मे नाकाम हो रहे है यदि समय रहते इनको भी संरक्षण नहीं मिला तो एक इतिहास का अंत हो जायेगा !
चौरासी गुम्मद झॉसी की रानी का किला पाहूलाल देवालय रंगमहल सूर्य मन्दिर व्यास जी की जन्म भूमि पर बना मन्दिर आदि दिनों दिन अपनी पहचान खोते जा रहे है यदि इनको संरक्षण नहीं मिला तो वो दिन दूर नहीं जब एक इतिहास का अंत हो जायेगा !
देश प्रदेश की भाजपा सरकारें ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित तथा विकसित करने पर ना एवं पर्यटन विकास को ज्यादा महत्व दे रही है पर दुर्भाग्य ही है हिन्दू धर्म के वेद पुराणों गीता भागवत जैसे महान रचनाकार कृष्ण द्वैपायन महर्षि वेद व्यास की पावन जन्म भूमि प्रथम स्वतंत्रा सग्राम की महान योद्धा रानी लक्ष्मी बाई की कर्म भूमि अकबर के नौ रत्नों मे सुमार पं. महेश दुबे जिन्हे इतिहास मे बीरबल का नाम दिया उमकी जन्म भूमि बजारों सूफी संतों की तप स्थली मन्दिरों के नगर कालपी धाम जिसे मुस्लिम धर्म के लोग कालपी शरीफ कहकर इबादत करते है ! आज तक किसी सरकार की नजर इस पर नहीं पढी ! जिसके चलते ये नगर खण्डहर मे तब्दील होता ही जा रहा है !
नगर के बुद्धजीवियों पत्रकार बन्धुओं की धार्मिक संघठनों के लोगों की प्रदेश की योगी सरकार से मांग है कि जल्द ही नगर की ऐतिहासिक इमारतों को दैवीय आपदाओं से संरक्षित करने वाले यंत्र लगाये जायें और इनके रख रखाव एवं जीर्णोद्धार के लिए पुरातत्व विभाग को आदेशित कर इन्हें बचाया जाय !
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