(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज)16/02/19 कानपुर: पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आंतकियों ने 14/02/19 गुरुवार वेलेंटाइन डे के दिन जहां सारा शहर खुशियां मना रहा था वहीं अचानक सीमा पर तैनात हमारे सुरक्षाबलों पर हुए आतंकी हमलों पर कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 40 जवान शहीद कर दिया। जिसको लेकर उत्तर भारत के हर भारतीयों में पाकिस्तानियों के प्रति आक्रोश वह बदले की भावना हैं
आज आज दिनांक 16/2/19 भारत बंदी पर कानपुर शहर जगह जगह पर पाकिस्तान के प्रति विरोध प्रदर्शन कर पाकिस्तान मुर्दाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तानियों को मिटाओ, पाकिस्तान से युद्ध करो, का नारा लगाकर सभी हिन्दू व मुस्लिम भाइयों ने भारतीय सैनिकों के बलिदान को लेकर पाकिस्तानी आतंकवादियों के प्रति जुलूस निकालकर आक्रोश जाहिर कर विरोध किया। और सारा भारत अपने मन में दुख लेकर पाकिस्तानियों की कड़ी निंदा कर रहा है फिर भी देखिए हमारे भारतीय सुरक्षा बल सैनिको का अपने कर्तव्य के प्रति ज़ज्बा वैसे ही कायम है और सीआरपीएफ पाकिस्तान उच्चायोग की सुरक्षा कर रही है। जी हां, आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि सीआरपीएफ के जवान ही दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग की सुरक्षा में लगे है। संदेश साफ है कि भावनाओं से ऊपर कर्तव्य है।
पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ जवान ने कहा कि हम गुस्से में हैं लेकिन हमारे लिए हमारा कर्तव्य, हमारी ड्यूटी पहले आती है। हमें अपने गुस्से को नियंत्रण में रखना होगा क्योंकि हमें जो जिम्मेदारी दी गई है वो सबसे ऊपर है। वहीं एक अन्य जवान ने कहा कि हम सिपाही हैं और हमारा कर्तव्य है कि हम गुस्सा होने के बावजूद रक्षा करें। हमारे ऊपर सुरक्षा की जिम्मेदारी है जो किसी भी सिपाही के लिए किसी भी और चीज से ऊपर है।हमारे देश के बहादुर भारतीय जवानों को जो कि हर व्यक्ति के प्रति एक जैसी सोच रखने वालो पर उन पाकिस्तानियों ने हमला करके कायराना हरकत कर अपनी औकात दिखायी हैं।जिसका हर एक पाकिस्तानी को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यह चेतावनी देते चलें कि हमारे हर एक सैनिक के खून का बदला भारत फिर से लेगा
आज देश में चारों तरफ पाकिस्तान को लेकर गुस्सा फैला है। खास तौर पर सीआरपीएफ अपने जवानों की शहादत के बाद बदला लेने के लिए आतुर है लेकिन ड्यूटी को लेकर उनकी निष्ठा और कर्तव्य को लेकर उनका समर्पण अपने आप में मिसाल है।
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