(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज से अमित कौशल की रिपोर्ट)19/04/19 कानपुर: आज कांग्रेस के प्रत्याशी श्री श्री प्रकाश जायसवाल के चुनाव प्रचार में आयोजित रैली में प्रियंका गाँधी वाड्रा के नेतृत्व में रोड शो किया गया जिसमें हजारों की तादाद में लोगों ने प्रियंका गांधी व श्री प्रकाश जायसवाल का स्वागत किया ।
घंटाघर से उठे जुलूस ने नयागंज,बिरहाना रोड, फूलबाग होते हुए बड़ा चौराहे पर समापन किया गया।कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व समर्थको ने खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन किया पूरे मार्ग पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अम्बानी के फोटो युक्त झंडा फहराते हुए चौकीदार चोर है के नारे लगते रहे जिसके विरोध में भाजपा समर्थकों ने भाजपा का झंडा फहराया व मोदी मोदी का जवाबी उदघोस करते रहे जिससे कि कई बार स्थिति तनाव पूर्ण हुई।
प्रशासन ने इस रैली को ऐसे छूट दे रखी थी जैसे कि वह व्यक्ति विशेष को समर्थन कर रही हो?यदि किसी शरारती या असामाजिक तत्वों ने कुछ घटित कर दिया होता तो क्या होता इस रैली का ?देश के प्रधानमंत्री को चोर की उपमा दी जा रही है ?? क्या यही हमारा प्रजातंत्र है ? क्या यह बाबा भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित संविधान में उल्लिखित है।किसी भी प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के लिये इस तरह के शब्द उच्चारण घोर निंदनीय है
चौकीदार चोर शब्द का उच्चारण सभी चौकी दारों (security guards) चाहे वह देश की सीमा के हो अथवा देश के अंदर, सभी की निष्ठा व ईमानदारी का अपमान करता ।
जनता चुनाव आयोग से जानकारी चाहेगी की जैसे विगत दिनों में कई वरिष्ठ नेताओं को आचार संहिता उल्लंघन पर सजा मिली है क्या इस रैली के लिए भी सुनवाई होगी या नजर अंदाज करेगा??
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