कानपुर 12,13 अप्रैल 2019. आईरा एसोसिएशन की एक आवश्यक बैठक आज संस्था के गीतानगर कार्यालय में आयोजित की गयी। बैठक में आईरा के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव पुनीत निगम ने बताया कि आईरा एसोसिएशन, सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत एक पंजीकृत संस्था है (पंजीकरण संख्या :- 6468/2016) और इसके अतिरिक्त इसकी पूरक संस्था आल इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन, भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत पंजीकृत है (पंजीकरण संख्या :- 388/2016) पर आजकल कई लोग संस्था के नाम का दुरोपयोग कर रहे हैं।
श्री निगम ने कहा कि यदि आप आईरा (AIRA) के नाम से मिलते जुलते नाम वाली किसी संस्था से जुड़े हैं तो आप उस संस्था का पूरा नाम लिखिए एवं बताइये, संक्षेप में AIRA शब्द लिखने या इस नाम का कोई अन्य इस्तेमाल करने का विधिक अधिकार केवल आईरा एसोसिएशन (आल इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन) के सदस्यों को ही है। उन्होंने ये भी बताया कि आईरा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं होता है। संस्था का प्रशासनिक प्रमुख चेयरमैन कहलाता है, और कार्यकारी प्रमुख मुख्य महासचिव कहलाता है। जानकारी मिली है कि कुछ लोग अपने को आईरा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बता कर तमाम तरह की अराजक गतिविधियों में संलिप्त हैं। इनके खिलाफ उचित एवं सख्त कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
आईरा के मुख्य महासचिव ने चेतावनी देते हुये कहा कि जो लोग आईरा एसोसिएशन (आल इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन) के सदस्य नहीं हैं वो आईरा (AIRA) शब्द का इस्तेमाल कानूनन नहीं कर सकते। ये शब्द ट्रेडमार्क एक्ट 1999 के तहत आईरा एसोसिएशन के नाम पर दर्ज है। साथ ही केसरिया और हरा पंखों वाला आईरा का लोगो भी हमारे नाम पर दर्ज है। अन्य सभी संस्थाओं का इस लोगो के लिए दिया गया रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन जुलाई 2016 में ही रिजेक्ट हो चुका है। कहा कि आपके एक गलत कदम से आपको ट्रेडमार्क एक्ट 1999 की धारा 102, 103 और 104 के तहत 3 साल तक की जेल और 2 लाख रु तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अतिरिक्त आप के खिलाफ IPC की धारा 420, 465, 467, 468, 469, 471 और आई.टी एक्ट कर धारा 66 एवं 67 के तहत आपराधिक मुकदमा भी लिखाया जा सकता है। श्री निगम ने अनुरोध किया कि फर्जी लोगों के झांसे में न आयें और असुविधा से बचने के लिए विधिवत हमारी संस्था के सदस्य बने और फिर नियमानुसार AIRA नाम का इस्तेमाल करें।
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