(पब्लिक स्टेटमेंट से आकाश सविता की रिपोर्ट)01 मई 2019 संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने पर PM मोदी बोले-ये है हिंदुस्तान 130 करोड़ जनता की सफलता।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ‘‘जैश-ए-मोहम्मद’’ के सरगना मसूद अजहर को बुधवार को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया. पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे 130 करोड़ देशवासियों की सफलता बताया. पीएम मोदी ने अपनी जयपुर रैली में कहा कि ये नया भारत है, जिसकी आवाज को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
पीएम ने कहा, "भारत को मिली आतंकवाद के खिलाफ ऐतिहासिक सफलता. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पुलवामा आतंकी हमले का दोषी मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित. आज देश के लिए गर्व का दिन है. आतंक पर विश्व भारत के साथ रहा." पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा कि आशा करता हूं कि वे आज जश्न मनाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा, "ये है नया भारत और ये है इस नए भारत की ललकार. आज भारत की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मैं डंके की चोट पर ये कहना चाहता हूं कि ये तो सिर्फ शुरुआत है. आगे आगे देखिए, होता है क्या."
पीएम मोदी ने कहा, "ये सिर्फ मोदी की सफलता नहीं है, ये पूरे हिंदुस्तान की सफलता है. आज भारत के लिए, हर भारतीय के लिए बेहद गर्व का दिन है. मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि कोई राजनीतिक दल ऐसे उत्साह और आत्मविश्वास के माहौल में कृपा करके मिलावट न करे."
भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत
मसूद अजहर पर बैन लगाए जाने को भारत के लिए इसे एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है. सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के तहत उसे ‘‘काली सूची’’ में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन द्वारा अपनी रोक हटा लेने के बाद यह घटनाक्रम हुआ. भारत के राजदूत एवं संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, ‘‘बड़े, छोटे, सभी एकजुट हुए. मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध सूची में आतंकवादी घोषित किया गया है. समर्थन करने के लिए सभी का आभार.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या चीन ने अपनी रोक हटा ली है, अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘हां, हटा ली गई है.’’
चीन ने उस प्रस्ताव पर से अपनी रोक हटा ली है जिसे फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संरा सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में फरवरी में लाया गया था. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर 14 फरवरी को पाक के आतंकी संगठन जैश के आतंकी हमला करने के कुछ ही दिनों बाद यह प्रस्ताव लाया गया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए।
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