(पब्लिक स्टेटमेंट से आकाश सविता कि रिपोर्ट)26/05/19
आम आदमी पार्टी(AAP) से नाराज चल रहीं चांदनी चौकी से विधायक अलका लांबा एक बार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने शनिवार को शनिवार को दावा किया कि उन्हें पार्टी विधायकों के व्हाट्सऐप ग्रुप से एक बार फिर हटा दिया गया है. इस व्हाट्सऐप ग्रुप में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं. इस बात से वे खास नाराज भी हैं.
अलका लांबा की पार्टी से नाराजगी इतनी बढ़ गई है कि उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा भी कर दी है. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए संदेश दिया है कि 2020 में वे आम आदमी पार्टी छोड़कर देंगी. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि 2013 में शुरू हुआ उनका आम आदमी पार्टी के साथ सफर 2020 में खत्म हो जाएगा. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में एक मजबूत विकल्प बनी रहेगी. अलका लांबा ने पार्टी के साथ अपने सफर को यादगार बताया है.
AAP विधायक अलका लांबा ने यह भी कहा है कि उनकी शुभकामनाएं पार्टी के लिए काम करने वाले जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा बनी रहेंगी. कहीं न कहीं इस यह बात साफ है कि शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी लड़ाई अब बहुत आगे बढ़ चुकी है. वे आम आदमी पार्टी का साथ कभी भी छोड़ सकती हैं. इससे पहले भी पार्टी आलाकमान के साथ उनके अनबन की खबरें सामने आई हैं.
अलका लांबा ने दावा किया कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पांचवे कार्यकाल के लिये मिली जीत पर बधाई देने की वजह से उन्हें व्हाट्सऐप ग्रुप से हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम आप नेतृत्व के लिये ठीक नहीं है. व्हाट्सऐप ग्रुप का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर साझा करते हुए उन्होंने केजरीवाल की निंदा की और पूछा कि आखिर उन्हें ही क्यों लोकसभा चुनावों में मिली पार्टी की हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
इस स्क्रीनशॉट में यह साफ दिख रहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली से आप के उम्मीदवार रहे दिलीप पांडे ने उन्हें हटाया है. दिलीप पांडे ने हालांकि इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया. केजरीवाल पर भड़कते हुए लांबा ने कहा कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए जो बंद कमरे में तमाम फैसले लेते हैं.
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