विष्णु चंसौलिया।
उरई (जालौन)मा0 उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार आज न्यायिक अधिकारियों ने जिले में संचालित दो शैल्टर होम राठ रोड में संचालित ‘‘वृद्धाआश्रम‘‘ एवं मु0 लहरियापुरवा स्थित ‘‘आश्रय-गृह‘‘ का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने बहुत बारीकी से व्यवस्थाओं को परखा और आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रबन्धकों को दिये। न्यायिक अधिकारियों ने उक्त दोनो आश्रय स्थलों में रह रहे आश्रितों के रहन-सहन, खानपान, चिकित्सा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा और वुनियादी व्यवस्थाओं को जांचा-परखा। इन दोनो स्थानों पर कई खामियां पायी गयीं।
सबसे पहले समाज कल्याण विभाग द्वारा राठ रोड उरई में एक एनजीओ के सहयोग से संचालित वृद्धाआश्रम में निरीक्षण के दौरान 50 संवासी मिले, जबकि पंजीकरण रजिस्टर में 81 नाम दर्ज पाये गये। विजिटिंग रजिस्टर में मात्र 02 प्रविश्टियां दर्ज पायीं गयीं। संवासी परिवारीजन सुलह-समझौता पंजिका में अन्तिम प्रविश्टि 05 मार्च 2019 को दर्ज होना पायी गयी। मिलान किये जाने पर पंजीकृत एवं वास्तविक रूप से उपस्थित संवासियों की संख्या में भिन्नता पायी गयी। शेश संवासियों के सम्बन्ध में पूछे जाने पर व्यवस्थापक कोई सन्तोशजनक उत्तर नहीं दे सके। उपस्थिति पंजिका में दर्ज कर्मचारियों में से एक कर्मचारी नदारद मिला।
वृद्धाआश्रम की संवासियों से पूछा गया कि उन्हे चाय-नाश्ता और सुबह- शाम का भोजन समय से मिल रहा है या नहीं। इस सम्बन्ध में मैन्यू चार्ट को क्राॅस चैक भी किया गया। भण्डार गृह का निरीक्षण करने पर पाया गया कि स्टाक रजिस्टर में दर्ज सामग्री मौके पर बहुत कम मात्रा में पायी गयी।
वृद्धाआश्रम की मेडिकल डिस्पेंसरी का निरीक्षण करने पर वहां काफी धूल गन्दगी और जाला लगा हुआ पाया गया। उपलब्ध दवाओं को चैक करने पर कई दवायें एक्सपाइरी डेट की मिलीं। इस सम्बन्ध में यहां की इंचार्ज श्रीमती लवली पाल से पूछे जाने पर वह सन्तोशजनक उत्तर नहीं दे पायी, बल्कि यह पाया गया कि उसे चिकित्सा का सामान्य ज्ञान भी नहीं है। इसपर अधिकारियों ने उसे कड़ी फटकार लगायी।
नगर पालिका परिशद उरई के सहयोग से मु0 लहरियापुरवा में लखनऊ के एक एन.जी.ओ. द्वारा संचालित आश्रय गृह (शेल्टर होम) में न्यायिक अधिकारियों ने विभिन्न बिन्दुओं पर जांच-पड़़ताल की। निरीक्षण में मौके पर मात्र 02 कर्मचारियों को उपस्थित पाया। यहां की आश्रित पंजिका में निरीक्षण तिथि में मात्र 05 पंजीकरण मिले। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी अभीतक उपलब्ध नहीं होने के कारण प्रबन्धक की फटकार लगायी। प्रबन्धक को अतिशीघ्र सारी कमियां दूर करने की हिदायत दी गयी।
निरीक्षण करने वाली इस अनुश्रवण समिति में अपर जिला जज श्री अमित पाल सिंह, कुटुम्ब न्यायाधीश श्रीमती रीता गुप्ता, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अनिल कुमार यादव और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री गुलाम मुस्तफा शामिल रहे।
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