(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट)02/08/19 उरई (जालौन)सख्त शासन में अधिकारी भी सख्त नजर आ रहे हैं। लगातार अभियान छेड़कर सरकारी व्यवस्थाओं के कील-कांटे दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं। इसी के चलते तहसीलदार करमवीर सिंह ने राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया। जिनकी खामियां देखकर तहसीलदार का पारा चढ़ गया। कहीं अस्पताल बंद था तो कहीं स्वीपर के सहारे अस्पताल को चलाया जा रहा था।
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय का पहली बार निरीक्षण हुआ तो तमाम अव्यवस्थाएं निकल कर सामने आ गईं। जगम्मनपुर में चिकित्सालय में ताला डला हुआ था। ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल कभी-कभार ही खुलता है। इसके बाद ऊमरी में चिकित्सालय का निरीक्षण किया तो वहां फार्मासिस्ट और वार्ड ब्याय के सहारे अस्पताल चल रहा था। जबकि रूद्रपुरा में फार्मासिस्ट ही अकेले दवा देकर मरीजों को ठीक करने का आश्वासन दे रहे थे। लेकिन बंगरा में तो स्वीपर के सहारे ही अस्पताल चल रहा था। निरीक्षण के दौरान मिली कमियों पर तहसीलदार ने पत्र बनाकर जिलाधिकारी को भेज दिया है।
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