(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट)17/08/19 उरई (जालौन) विकासखंड महेवा के अंतर्गत बसे यमुना के किनारे नून नदी की तलहटी में बसे मंगरौल पडरी नरिहान कुटरा इत्यादि गांवो व में ज्यादातर किसानों ने तिलहन की फसल बोई थी पर बाढ़ आ जाने से किसान के चेहरे पर एक चिंता का विषय स्पष्ट दिखाई देने लगा है क्योंकि तिलहन की फसल हो जाने से किसान काफी राहत की सांस लेता है नून नदी का जलस्तर इसी तेज रफ्तार से बढ़ता रहा तो अगले 24 घंटे में तिलहन व ज्वार बाजरा की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी कालपी से मंगरौल व पडरी मार्ग पूरी तरह से बाधित हो चुका है कुदरत के इस भीषण प्रहार से किसान बेबस व लाचार हैं।
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