(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 13/09/19 उरई(,जालौन) पितृपक्ष के प्रारंभ होने के पूर्व पूर्णिमा तिथि पर पितरों को घर ले जाने के लिए पंचनद पर यमुना नदी में हजारों लोगों ने डुबकी लगाकर अपने पूर्वजों को जलांजलि दी।
प्रति वर्ष आश्विन मास के प्रथम पक्ष में प्रत्येक व्यक्ति अपने दिवंगत पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनकी आत्म शांति हेतु एवं उन्हें दिव्य लोक में स्थान दिलाए जाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर जल अंजलि अर्पित करता है ।
ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने पूर्वजों को पितृपक्ष में जल दान व श्राद्ध कर्म नहीं करता है उसके पूर्वज कातर दृष्टि से अपने पुत्रों को देखते हुए प्रेत योनि में भटक कर अत्यधिक पीड़ा पाते हैं एवं जिनके पुत्र पित्र तर्पण का विधिपूर्वक पालन करते हैं उनकी तिथि पर पिंड दान आदि करके पात्रों ,कन्याओं ,ब्राह्मणों को भोजन करवा कर दान करते हैं उनके पूर्वज दिव्यलोक प्राप्त कर प्रसन्न होते हैं व अपने पुत्रों को आशीर्वाद देते हैं ।आज शुक्रवार 13 सितंबर को भाद्र मास की पूर्णिमा के दिन पंचनद तीर्थ क्षेत्र में यमुना मैया के तट में विसरांत घाट पर क्षेत्र के हजारों लोगों ने यमुना में स्नान कर अपने पूर्वजों का आवाहन करते हुए जलांजलि अर्पित की व पितृपक्ष के 15 दिनों के लिए अपने घर चलने के लिए आमंत्रित कर उन्हें अपने साथ ले गए।
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