(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 28/09/19 उरई।जालौन।रामपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जगम्मनपुर में 220 घोड़ों के सापेक्ष 112 घोड़ों के खून की जांच की गई जिसमें सात घोड़े ब्लेंडर जैसी भयानक संक्रामक बीमारी से ग्रसित पाए गए तथा 11 घोड़े संदिग्ध रूप से बीमार पाए गए। जिनका खून लेकर पुणे जांच के लिए भेजा गया। बाकी जो घोड़े बीमारी से ग्रसित पाए गए उन्हें जान से मारने की प्रक्रिया के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अजीत सिंह कौशांबी, डॉक्टर नीरज सचान उरई एवं पशु चिकित्साधिकारी कुठौन्द अपने अमले के साथ जगम्मनपुर आए तो घोड़ा मालिकों ने अपने जानवरों को मारे जाने का प्रबल विरोध करना शुरू कर दिया।
इसकी जानकारी मिलते ही थाना अध्यक्ष एसएचओ आरके सिंह, उपनिरीक्षक अमर सिंह यादव ,उपनिरीक्षक राजेंद्र तिवारी मय हमराही मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों के आक्रोश को शांत कर उन्हें बीमारी से ग्रस्त घोड़ों को मारने के लिए तैयार किया । जब पूरी जानकारी ली गई तो पता चला कि जांच प्रक्रिया के बाद से अब तक 3 घोड़े मर चुके हैं शेष बचे 4 घोड़ों को सोडियम थिओसल्फेट का इंजेक्शन लगाकर मौत की नींद सुला उन्हें अलग-अलग गहरे गड्ढों में दफन किया गया है।
इस बीमारी के बारे में पूछे जाने पर पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अजीत सिंह ने बताया कि यह पशुओं के माध्यम से फैलने वाली बहुत भयानक संक्रामक बीमारी है जो मनुष्यों में फैल कर महामारी का रूप धारण कर सकती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें