(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 23/09/19 उरई (जालौन)अपने स्वर्गीय पिता गिरजा शंकर पुरवार के साथ व्यापार गुर सीखे थे बाद मे व्यापारिक बिरासत को श्रीकांत पुरवार ने सम्भाला था।
कुशल व्यापारी के अलावा समाजिक कार्यों में रखते थे सक्रियता।प्रमुख शिक्षण संस्थान दयानंद बाल विधा मंदिर कालपी के भवन के बुनियाद की नीव श्रीकांत पुरवार ने रखी थी।व्यापार मंडल सहित कई संगठनों मे श्रीकांत पुरवार सक्रिय भूमिका निभाते रहते थे।रविवार की शाम को हृदयगति रुकने से अचानक हुई मृत्यु की खबर सुनकर व्यापारियों, शिक्षाविदों, समाज सेवियों, किसानों के बीच शोक की लहर दौड़ गई।
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