(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 16/09/19 हजारों एकड़ फसल पानी में डूब कर नष्ट ,तटवर्ती ग्रामों में दहशत का माहौल
उरई (जालौन)पंचनद में बेतहाशा बाढ़ से पूरा क्षेत्र समुद्र की मानिंद दिखाई दे रहा है। आवागमन के सभी रास्ते बंद होने एवं कछार क्षेत्र की फसलें नष्ट हो जाने से किसानों में मायूसी व्याप्त है ।जनपद जालौन, इटावा ,औरैया की सीमाओं के पंचनद संगम पर भीषण बाढ़ के कारण समुद्र जैसा नजारा दिखाई दे रहा है । मध्य प्रदेश की सिंध नदी एवं राजस्थान से चंबल नदी में आई भीषण बाढ़ ने इटावा औरैया समेत जनपद जालौन के पंचनद की नदियों के तटवर्ती इलाकों में तबाही मचा दी है।
कछार क्षेत्र की हजारों एकड़ कृषि भूमि की फसल पानी में डूब कर नष्ट हो गई है। किसान इसी फसल को बाजार में बेचकर रवी की फसल के लिए धन का बंदोबस्त कर तथा अपने खाने-पीने की वस्तुओं एवं पशुओं के लिए चारा व आहार की व्यवस्था कर लेते थे लेकिन प्रकृति ने किसानों को ऐसा झटका दिया कि बेचारे किं कर्तव्यविमूढ़ होकर रह गए। हालांकि पंचनद की पांचों नदियों में बाढ़ प्रतिवर्ष आती है लेकिन उसकी एक सीमा होती है किंतु इस वर्ष इस बाढ़ ने वर्ष 1971 व 1996 की स्मृति ताजा कर दी ।
यमुना तट के ग्राम कंजौसा भिटोरा हिम्मतपुर गुढा, बेरा,पतराही, महटोली, पुरा, महमूदपुर, शिवगंज तथा इटावा के करावली, कंधावली, कालेश्वर की गढिया, चोरेंला ,विठौली ,भजनपुरा, गोपियाखार ,खोड, आज औरैया के गूंज बडी , गूंज छोटी ,ततारपुर ,जूहीखा, बटपुरा ,महेवा आदि अनेक गांव को बाढ़ का पानी दिल दहला देने वाली आवाज के साथ चुंबन कर रहा है । यदि एक दो मीटर पानी और ऊंचा होता है तो इन गांव में खतरे की घंटी बज सकती है । अपने को पानी से गिरा देख ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है। उक्त प्रलयंकारी बाढ़ का नजारा जितना खतरनाक है उतना ही अधिक रोमांचकारी भी है । लगभग डेढ़ किलोमीटर चौड़ी धार में पानी का प्रबल वेग दिल दहला देने वाली आवाज कर रहा है।
इसमें विभिन्न प्रकार के जिंदा मुर्दा पशु , वृक्ष , लकड़ी ,घरेलू सामान तो बह कर आ ही रहा है एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म जैसा जिसका कोई नाम नहीं दिया जा पा रहा है जिस पर सैकड़ों टन लोहे के गार्डर, इंगल तथा ढेर सारा सामान लदा था पानी में बहता हुआ निकला जो जगम्मनपुर जूहीखा पुल की एक कोठी से इतनी जबरदस्त आवाज के साथ टकराया तो लगा कि पुल क्षतिग्रस्त हो गया है लेकिन वह सामान पानी में बहता हुआ औरैया की ओर निकल गया। नदी तट पर इस विहंगम दृश्य को देखने के लिए हजारों पुरुषों व महिलाओं की भीड़ एकत्रित है । लोग सेल्फी का आनंद ले रहे हैं तो कुछ लोगों ने इन क्षणों को और अधिक स्थाई स्मरण रखने के लिए पिकनिक का आयोजन किया है।
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