(पब्लिक स्टेटमेंट न्यूज से विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 19/09/19 बिकराल स्थिति को भयंकर प्रशासन हुआ चौकन्ना, क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा गांवों का संपर्क कटा
उरई (जालौन)। अन्य प्रांतों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते वहां पर बने बांध ओवरफ्लो होने से उनके फटने की संभावना को देखते हुये ऐहतियात के तौर पर उनके गेट खोल दिये गये जिससे लाखों क्यूसेम पानी यमुना नदी में आने से इस समय नदी में पानी का जलजला रौद्र रूप में नजर आ रहा है। जिससे जालौन-औरैया मार्ग पर कई स्थानों पर बाढ़ का पानी आ जाने से उक्त मार्ग से आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया तो वहीं दो दर्जन से ज्यादा गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट चुका है। ऐसे गांवों की क्या स्थिति है इस बात की जानकारी प्रशासन तक को नहीं मिल पा रही है। दिन प्रतिदिन विकराल होती स्थिति को भयंकर प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर नजर आयी।
पिछले कई दिनों से यमुना नदी अपने कहर को जारी रखे है जिसमें बुधवार को थाना कुठौंद के नैनापुर में जालौन औरैया मार्ग में पुलिया के पास पानी आने से औरैया जालौन मार्ग ठप्प हो गया जिसमें आवागमन भी पूर्ण रूप से ठप्प हो गया है पुलिस ने भी सक्रियता दिखाते हुए रोड के दोनों तरफ बैरियल लगा दिया है और किसी भी वाहन को नही निकलने दे रहे है ताकि कोई घटना न हो जाये आज यमुना ने दर्जनों गांवों के संपर्क मुख्य मार्ग से टूट गए है जिसमें प्रमुख रूप से लोहाई टिकरी, करमुखा, भदेख, बिजुवापुर, हिननौली, तौलकपुर सहित दो दर्जन गांवों का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है। बाढ़ से चारोओर से घिर चुके गांवों में रहने वाले लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा था जिससे उक्त गांवों की स्थिति के बारे में किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी।
रैला में बने चेकडैम में डूबी दो बालिकाओं की मौत
उरई। घटना कदौरा क्षेत्र के ग्राम रैला की है, ग्राम रैला निवासी 13 वर्षीय सीता व 14 वर्षीय शीलू बाढ़ डैम में नहाने गयी हुई थीं, पानी के बहाव की चपेट में आकर दोनों बच्चियां डैम में डूब गयीं, जंगल में बने डैम में डूबी बच्चियाँ बचाव के लिए चीखती रहीं, किन्तु आसपास कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिस कारण दोनों की मौके पर ही मौत हो गयी। दो गरीब परिवारों में बेटियों की मौत से गांव में कोहराम मच गया। वहीं सूचना पर पहुंची कदौरा पुलिस ने सांत्वना देकर शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है। वहीं दोनों पीड़ित परिवारों में पारिवारिकजनों का रो रो कर बुरा हाल है।
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