(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 11/10/19 उरई ।पुष्पेन्द्र यादव का एनकाउंटर नहीं बल्कि पुलिस ने उसकी हत्या की है। वह और उनकी पूरी समाजवादी पार्टी पुष्पेन्द्र यादव के परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर सम्भव मदद करेगी। यह बात बोली एनकाउंटर में मारे गये पुष्पेन्द्र यादव के घर पहुंचे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव। जिन्होंने पुष्पेन्द्र के परिवार से लगभग आधा घंटे ढंढास बंधाते हुए घटना की जानकारी ली।परिवार से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से मुलाकत की। जिसमें उन्होंने कहा कि पुष्पेन्द्र के घर वाले चाहते थे कि उनका मुकदमा दर्ज हो। लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया है। पुलिस ने जबरन पुष्पेन्द्र यादव का अंतिम संस्कार कर दिया। जिस समय अंतिम संस्कार हो रहा था वहां परिवार का कोई भी व्यक्ति नहीं था।
यह मोदी का देश है। यहां कहते हैं कि रामराज्य है। लेकिन ऐसी घटनायें देखकर तो कतई नहीं लगता है कि रामराज्य है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कोई और तरीके से प्रदेश में सरकार चल रही है। पुष्पेन्द्र का एनकाउंटर नहीं हुआ है बल्कि झांसी पुलिस ने उसकी हत्या की है। वह परिवार से मिला तो उन्होंने बहुत सारी बातें बताई है। उनका बेटा मारा गया है, उनके पिता को नहीं पता और न ही उनके भाई को, कि पुष्पेन्द्र की जान कब गई है। यह तो पुलिस को ही पता होगा।
पुष्पेन्द्र की लाश को पुलिस ने पूरे दिन इधर-उधर घुमाया है। इतना हीं नही पोस्टमार्टम रिपोर्ट को ही बदल दिया गया है। परिवार के लोग चाहते थे कि मुकदमा दर्ज हो। लेकिन पुलिस ने दर्ज नहीं किया है। जिस पुलिस वाले ने पुष्पेन्द्र यादव की हत्या की है उस पुलिसकर्मी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो। अंतिम संस्कार में भी परिवार के किसी भी सदस्य को नहीं बुलाया गया है।
यह कैसे हो सकता है। योगी सरकार कहती है कि रामराज्य है। वह पूछना चाहते है कि क्या यही रामराज्य है। यह रामराज्य नहीं है। वह समझते है कि योगी सरकार कोई और तरह से राज्य चला रही है। रामराज्य का भरोसा दिलाने वाले यह लोग आत्मा का खत्म कर रहे है। कहां ऐसी हत्या होती है। इस प्रकार की एक हत्या नहीं हुई बल्कि यूपी में जगह-जगह हो रही है।सोनभद्र में बताओ क्या वहां इकट्ठे नहीं मार दिये गया। सहारनपुर में भी पुलिस की नाकामयाबी रहीं, नोएडा, आजमगढ़ समेत कई जगह एनकाउंटर हुआ है। सभी एनकाउंटर फर्जी है।
उनकी समाजवादी पार्टी और उनकी स्वयं व परिवार की मांग है कि इस मामले की सिटिंग जजिज से जांच हो। क्यों कि यूपी पुलिस अपना भरोसा खो चुकी है। जब प्रशासन अन्नाय करती है तो सरकार से भी न्याय नहीं मिलता है। जहां पुलिस से जनता का भरोसा उठा है तो वहीं सरकार से भी भरोसा उठ जाता है। आप नहीं जानते है कि मऊ में गोली मार दी। बस्ती में भी गोलीकांड हुआ है। देश में जिस प्रदेश के मुख्यमत्री कहते है कि ठोक दो उस प्रदेश की पुलिस से क्या उम्मीद करते है।
हमने चाहा था कि पुलिस अच्छा काम करे। लेकिन पैसे को लेकर कानून व्यवस्था को बरबाद कर दिया है। आज वह सभी से मिलकर जायेंगे। एक एसओ को बचाने के लिए जब प्रशासन व सरकार एक हो गई हो तो समझ लो कि कितनी बड़ी साजिश हो गई। जिस एसओ ने हत्या की है उस पर मुकदमा होना चाहिए, उसे जेल जाना चाहिए। इस घटना को लेकर पूरा प्रशासन दोषी है।
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