(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 14/10/19 प्रभारी मंत्री के निर्देश की उड़ाई जा रही है धज्जियां,उरई। जालौन।अभी 2 दिन पहले उप जिलाधिकारी शालिकराम ने माधौगढ़ सभागार में गोवंश को लेकर एक मीटिंग आयोजित की थी। जिसमें गोवंश और गौशाला को लेकर लंबी लंबी बातें की गई, विचार विमर्श हुआ और सुझाव लिए गए लेकिन धरातल में सब शून्य रहा। न्याय पंचायत ईंटों क्षेत्र के गांवों में व गोहन क्षेत्र में काफी समय पहले गौशाला प्रस्तावित होने के बाद भी आज तक उसमें एक ईंट भी नहीं लग सकी। आवारा जानवर खुले में घूम रहे हैं। नतीजा यह है कि किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें हैं। आगे आने वाली फसलों का क्या होगा? इस बात को सोचकर हैरान हैं।
उपजिलाधिकारी सिर्फ मीटिंग कर खानापूर्ति करते हैं लेकिन उनको यह नहीं पता कि किस गांव में गौशाला किस हालत में है ? और कैसे बन रही है?या जो बन चुकी हैं, उनमें गोवंश है भी या नहीं है? उन्हें तो बस इस बात की चिंता है कि संचालन के लिए पैसा खंड विकास कार्यालय को मिला है तो चिंता भी वही करें। विगत दिनों भाजपा नेता रामलखन औदीच्य ने भी उनका ध्यान गौवंश और गौशाला की अव्यवस्थाओं की ओर दिखाया तो वह झल्ला कर बोले राजस्व विभाग के हाथ में बजट होने से व्यवस्थाएं खराब हैं। इस बात पर उन्होंने उन्हें समझाया कि वह इस तहसील के मुखिया हैं और उन्हें सारे विभागों को देखने की जिम्मेदारी है।
इस नाते गोवंश और गौशाला देखने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। गौशाला और गोवंश की हकीकत तो यह है कि शहवाजपुर में बनी इस गौशाला में महज चारों तरफ से तारों की बेरिकेटिंग है। इसके अलावा भूसा के लिए जगह बनवा दी गई है। लेकिन इन गोवंश के लिए न भूसा है और ना पानी की व्यवस्था है। ऐसा ही हाल जिला पंचायत की प्रस्तावित गौशाला का है। जिसमें आज तक कुछ हो ही नहीं पाया। जबकि प्रभारी मंत्री नीलमा कटियार का कहना था कि 10 अक्टूबर तक सभी गोवंश गौशाला में पहुंच जाने चाहिए।
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