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सोमवार, 11 नवंबर 2019

तैनात तो है लेकिन नहीं जाते गाँव सफाई करने#Public Statement


(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 11/11/19 जिले के अधिकांश सफ़ाई कर्मी घर बैठे उठा रहे वेतन, उरई । सरकार स्वाछता के नाम पर भले ही करोड़ो रुपए फूंके जा रही हो और सरकार द्वारा गाँव- गाँव सफाई कर्मियों की तैनाती भी की गई है लेकिन अधिकांश गांव में साफ-सफाई नजर नहीं आती। कुछ गांव अपवाद हो सकते है अधिकांश सफ़ाई कर्मी ग्राम प्रधान व उच्चअधिकारियों की साठगांठ से गाँवो मे सफाई करने जाते ही नही है। दर्जनों सफाई कर्मी ने तो अपनी ड्यूटी अधिकारियों के कार्यालय में लगवा ली है। जनपद जालौन में स्वच्छता का नारा बेमानी साबित हो रहा है। दस साल का स्वच्छता अभियान समाप्त हो गया मगर एक भी निर्मल गाँव न हो सका जिले की 575 ग्राम पंचायत में तैनात 1112 सफाई कर्मियों में अधिकांश घर बैठे वेतन उठा रहे है। 

लाखों रुपए शासन वेतन के रुप में फूंक रहा है।आज भी सैकड़ों गाँवो मे गंदगी का अंबार लगा हुआ है! जिले के कदौरा ब्लाक में लगभग एक सैकड़ा से अधिक सफाई कर्मी तैनात है जो सिर्फ वेतन उठाने आते है। मिशाल के तौर पर कदौरा ब्लाक की ग्राम पंचायत करमचन्द्रपुर है यहां पर करीब 10 वर्षो से सुनील कुमार नाम के सफाई कर्मी की तैनाती है लेकिन ये सफ़ाई करने ही नही जाते है बल्कि खानापूर्ति के लिए गाँव के ही एक व्यक्ति को 3 हजार रुपये देकर घर बैठे प्रधान से सांठगांठ कर वेतन निकाल लेते है। सफाई कर्मियों पर अधिकारियों का दबाव न होने का एक कारण यह भी है कि लगभग तीन दर्जन सफाई कर्मी जिला राज पंचायत कार्यालय से लेकर ब्लाक और अन्य सरकारी कार्यालय तैनात है। जब इस संबन्ध मे जिला पंचायत राज अधिकारी अभय यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुझे इस मामले की जानकारी नही है इसकी गम्भीरता से जाँच की जाएगी अगर लापरवाही सामने आती है तो सफ़ाई कर्मी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी!

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