(विष्णु चंसौलिया की रिपोर्ट) 15/11/19 उरई । ऐतिहासिक नगर कालपी में वो सारी सभावनायें उपलब्ध है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काफी है। सूर्य मन्दिर, व्यास जन्मभूमि लंका मीनार,चौरासी गुम्बद, रंग महल, यमुना के मनोहारी घाट, रानी झांसी का मंत्रणा किला पाहूलाल देवालय ,श्री दरवाजा चार बड़े, दरवाजों के अन्दर नगर की हाट,काली हवेली,ब्रिटिश सिमेट्री आदि ।अगर सरकार इनको संरक्षित और विकसित करें तो ऐसे स्मारक और कहीं नहीं मिलेंगे। अभी कुछ स्मारकों को पुरातत्व विभाग ने अपने अधिकार में लिया है जिन पर काम भी हो रहा है जिनमें चौरासी गुम्बद और ब्रिटिश सिमेट्री प्रमुख है। साथ ही वर्तमान विधायक नरेंद्र पाल सिंह जादोन ने भी अपना ध्यान इन मिटती ऐतिहासिक विरासतों की ओर दिया है और नगर पालिका चेयरमैन प्रतिनिधि जीवन अहिरवार ने भी नगर की ऐतिहासिकता की पहचान को अतिक्रमण से मुक्त कर इन्हें संरक्षित करने की ओर कदम बढ़ाया है। यदि इस मुहिम में सांसद जी भी सहयोग कर सरकार से मांग करें तो देश के गौरवमयी इतिहास के कुछ पन्ने नष्ट होने से बचाये जा सकते हैं। दूसरा नगर के जागरूक समाजसेवी अपनी जन्म भूमि से प्यार करने वाले लोग एक साथ एक बेनर बना कर आगे आ जायेंगे तो मेरा विश्वास है कि कालपी अपने गौरवमयी इतिहास को बचाने में कामयाब हो सकता है।और आने वाली पीढ़ी आपका नाम भी पूरे आदर और सम्मान से याद करते रहेंगे।
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