(विष्णु चंंसौलिया की रिपोर्ट) 30/12/19 उरई। कुठौंद क्षैत्र में आने वाले ग्राम जैसे भदेख,टिकरी , नैनापुर , रोमई ,लोहई दिवारा , नाहिली ,मदनेपुर,वावली आदि ग्राम पंचायतों के अन्नदाता की स्थिति इस समय बहुत दयनीय बनी हुई है । पहले तो बाढ़ ने मारा जिसकी मार टिकरी, रोमई ,लोहई,भदेख जैसे गावों ने सही और आजतक सरकार की मदद के लिये आखे बिछाये बैठे रहे पर मिला क्या सिर्फ आशा और प्रधान ,पंचायत मित्र तथा ब्लॉक स्तरीय कर्मचारीयों व अधिकारियो द्वारा छ्लावा ।
अन्ना पशु व अन्नदाता प्रदेश मे वर्तमान सरकार द्वारा गौवंश की रक्षा का जो वीणा उठाया गया मानो किसानो के लिये एक बहुत मुशीबत बन गई है। ना तो गौशालाओ मे गौवंश की देखभाल है ।और ना ही किसान इस कड़कती ठंड में चैन से बैठ पा रहा है । जब अन्नदाता ही नष्ट हो रहा है ।तो भला हम अपने समाज के लिये कितने सजग है। सरकार को इस पर ध्यान देते हुए कड़ा कदम उठाना चाहिये ।
आवास वितरण मे प्रधान व सचिव कृपा आज के समय मे इस क्षैत्र मे गरीबो के लिये आवास प्रधान व सचिव कृपा पर आधारित है ।यदि इन लोगो की कृपा है तो अपात्र भी पात्र है और नही है तो पात्र भी अपात्र है।अर्थात कुठौंद क्षेत्र के गावों मे खुदा महरवान गधा पहलवान वाली स्थिति बनी हुई है ।यदि गरीब अपने अधिकार के लिये लड़ता हुआ जिला स्तर पर पहुँता है ।तो अधिकारी कहते है कि आपकी समस्या ब्लॉक स्तर पर ही निपटेगी और ब्लॉक स्तर पर उसे कुछ नही मिलता यह हाल कब तक चलेगा ।सरकार तथा सरकारी कर्मचारियो को सोचना चाहिए आखिर गरीब किसान को क्यो ठगा जा रहा है । गरीब मजदूर व किसान की सरकार से यही गुहार है कि उन पर ध्यान दिया जाए तथा इन मुशीबतों से छुटकारा दिलाया जाए।
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